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जिले में मानसून सक्रिय, सुहेला में सबसे अधिक बारिश – प्रशासन ने जारी की रिपोर्ट I

जिले में मानसून सक्रिय, सुहेला में सबसे अधिक बारिश - प्रशासन ने जारी की रिपोर्ट I

रिपोर्टर टेकराम कोसले

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बलौदाबाजार, 7 जुलाई 2025 बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में वर्ष 2025 के दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक संतोषजनक वर्षा दर्ज की गई है। 1 जून से 7 जुलाई 2025 तक जिले में कुल 2331.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो कि 259 मिमी औसत वर्षा के रूप में सामने आई है। जिला भू-अभिलेख कार्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले की अधिकांश तहसीलों में मध्यम से अच्छी वर्षा दर्ज की गई है, जिससे किसानों में उत्साह का माहौल है।

● तहसीलवार वर्षा की स्थिति

रिपोर्ट के अनुसार जिले की नौ तहसीलों में वर्षा की स्थिति इस प्रकार रही –

सुहेला – 307.4 मिमी (सबसे अधिक)

टुण्डरा – 288.5 मिमी

बलौदाबाजार – 271.2 मिमी

पलारी – 258.1 मिमी

सिमगा – 257.6 मिमी

भाटापारा – 253.6 मिमी

लवन – 252.6 मिमी

सोनाखान – 252.1 मिमी

कसडोल – 190.0 मिमी (सबसे कम)

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून की बारिश संतुलित रही है। हालांकि कसडोल तहसील में अपेक्षाकृत कम वर्षा दर्ज की गई है, बाकी क्षेत्रों में खेती के लिए आवश्यक वर्षा की स्थिति बन चुकी है।

● 7 जुलाई को हुई वर्षा की स्थिति

7 जुलाई 2025 को जिले में कुल 513.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जिसका औसतन आकलन 57 मिमी रहा। तहसीलवार उस दिन की वर्षा की स्थिति निम्नानुसार रही:

बलौदाबाजार – 94.0 मिमी

सिमगा – 73.6 मिमी

पलारी – 68.6 मिमी

सुहेला – 58.5 मिमी

भाटापारा – 57.6 मिमी

लवन – 46.7 मिमी

सोनाखान – 45.3 मिमी

टुण्डरा – 36.5 मिमी

कसडोल – 32.6 मिमी

इस दिन जिले के कई क्षेत्रों में मध्यम से तेज बारिश हुई, जिससे खेतों में नमी की अच्छी स्थिति बनी और खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आई।

● खरीफ सीजन के लिए सकारात्मक संकेत

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जिले में अब तक की वर्षा खरीफ फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल है। कई क्षेत्रों में धान की रोपाई एवं अन्य फसलों जैसे मक्का, तिल, मूंग, उड़द आदि की बुवाई प्रारंभ हो चुकी है। ग्रामीण अंचलों में कृषक वर्ग मानसून की गति पर नजर बनाए हुए हैं और वर्षा के इसी क्रम में बने रहने की उम्मीद जता रहे हैं।

जिला प्रशासन द्वारा लगातार वर्षा की निगरानी की जा रही है। भू-अभिलेख, कृषि विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के समन्वय से वर्षा से संबंधित आंकड़े जुटाकर शासन को प्रेषित किए जा रहे हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तहसील स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी सक्रिय किए गए हैं।

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