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बहुजन समाज पार्टी ने कलेक्टर को सौंपा जनसमस्याओं से संबंधित ज्ञापन, कार्रवाई नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी I

बलौदा बाजार, 21 जुलाई 2025।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जिला इकाई बलौदा बाजार के नेतृत्व में आज जिले की विभिन्न जनसमस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन सामाजिक न्याय, शिक्षा, किसान हित और मूलभूत सुविधाओं की मांगों को लेकर दिया गया, जिसमें प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई है।

ज्ञापन के प्रमुख मुद्दों में नगर पंचायत लवन में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की नई प्रतिमा की स्थापना शामिल रही, जिसे लवन तहसील परिसर में स्थापित करने की मांग की गई। साथ ही पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास की स्थापना की भी माँग की गई, ताकि क्षेत्र के विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित हो सकें और उन्हें आवश्यक सुविधा प्राप्त हो।

इसके अतिरिक्त किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग भी ज्ञापन में प्रमुखता से उठाई गई। बसपा नेताओं ने बताया कि वर्तमान में खाद का वितरण बड़े व्यापारियों और धनाढ्य लोगों के गोदामों में कर दिया गया है, जिससे गरीब और वास्तविक किसान वंचित हो रहे हैं। इसे अत्यंत गंभीर और चिंतनीय बताते हुए मांग की गई कि खाद केवल सहकारी समितियों के माध्यम से ही वितरित किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और जरूरतमंद किसान लाभान्वित हो सकें।

ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि जिला बलौदा बाजार के प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावासों में सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए, जिससे अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा का लाभ मिल सके।

ज्ञापन सौंपने के दौरान बसपा नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन द्वारा इन मांगों पर शीघ्र व ठोस कदम नहीं उठाए गए तो पार्टी चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

इस अवसर पर कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:
पूर्व विधायक मा. दुजराम बौद्ध जी (पामगढ़),
जिला अध्यक्ष बसपा प्रहलाद साहू जी,
पूर्व जिला अध्यक्ष मा. डेरहा डहरिया जी,
जिला प्रभारी इंजीनियर रवि रविन्द्र,
डॉ. राधे लहरें, आकाश लहरें, राजकुमार डहरिया,
उतरा शान्डे, डॉ. नोहर भारद्वाज, रतिराम टंडन, दुर्गा टंडन,
बंशी कठोत्रे, कांशीराम रात्रे, अश्वनी सोनवानी सहित बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ता और समर्थकगण उपस्थित रहे।

बसपा द्वारा सौंपे गए इस ज्ञापन को जनहित से जुड़ी एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे समाज के वंचित वर्गों की आवाज शासन-प्रशासन तक पहुँची है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इन मांगों पर कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी कार्रवाई करता है

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