जिला ब्यूरो चीफ/तोषन प्रसाद चौबे
पलारी। सरस्वती शिशु मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, पलारी के तत्वावधान में परंपरागत भोजली नगर यात्रा का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस शोभायात्रा में विद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राएँ, आचार्यगण तथा दीदियाँ सम्मिलित हुईं।
यात्रा विद्यालय प्रांगण से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से गुज़री। विशेष आकर्षण तब देखने को मिला जब स्कूली बच्चे सिर पर सुंदर सजे हुए भोजली रखकर अनुशासित पंक्तियों में नगर भ्रमण कर रहे थे। उनके साथ अन्य विद्यार्थी पारंपरिक परिधानों में भजन-कीर्तन और वंदे मातरम् के स्वर गूँजाते हुए चल रहे थे। इससे नगर का वातावरण भक्तिमय और सांस्कृतिक रंग में रंग गया।
नगरवासियों ने जगह-जगह शोभायात्रा का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। घरों की छतों, चौक-चौराहों और गलियों में खड़े लोगों ने भी उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई। बच्चों की प्रस्तुतियाँ और झाँकियाँ नगरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनीं।
इस अवसर पर विद्यालय के आचार्यगण बच्चों के साथ पूरी यात्रा में कदम से कदम मिलाकर चले। उन्होंने बच्चों को अनुशासन, संयम और उत्साह के साथ यात्रा निकालने के लिए मार्गदर्शन दिया। आचार्यों ने कहा कि भोजली जैसे पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखने का माध्यम हैं।
वहीं, विद्यालय की दीदियाँ (महिला शिक्षिकाएँ) भी पूरे उत्साह के साथ नगर भ्रमण में सम्मिलित हुईं। उन्होंने छात्राओं को संगठित कर यात्रा में विशेष योगदान दिया। दीदियों ने बच्चों को सांस्कृतिक गीत, नृत्य और पारंपरिक प्रस्तुति के माध्यम से भारतीय संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया।
विद्यालय परिवार ने बताया कि सरस्वती शिशु मंदिर केवल शिक्षा का केंद्र नहीं है, बल्कि यह चरित्र निर्माण, संस्कार एवं राष्ट्रभावना जागृत करने का भी प्रयास करता है। यहाँ बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी से भी परिचित कराया जाता है।
इसी ध्येय के अनुरूप भोजली जैसी सांस्कृतिक परंपराओं को विद्यालय परिवार निरंतर जीवित रखता है। भोजली नगर यात्रा का उद्देश्य समाज में आस्था, एकता और सांस्कृतिक चेतना का संचार करना है।
पूरे नगर में इस यात्रा को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला और नगरवासियों ने विद्यालय परिवार, आचार्यों और दीदियों के इस सामूहिक प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की।