जिला ब्यूरो चीफ/तोषन प्रसाद चौबे
पलारी। नगर पंचायत पलारी की ऐतिहासिक पहचान सिर्फ सिद्धेश्वर महादेव मंदिर तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां का थाना भी 119 साल पुरानी धरोहर है। यह थाना 1906 में अंग्रेजी शासनकाल के दौरान ग्राम दतान (प) में स्थापित किया गया था और बाद में जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पलारी स्थानांतरित किया गया। इतने लंबे समय तक अपनी गाथा को संजोए यह थाना अब तक बिखरे हुए इतिहास का हिस्सा था, लेकिन अब नगर के युवा शोधार्थी दीपक कुमार तिवारी ने इसे व्यवस्थित और प्रामाणिक रूप दिया है।
दीपक, जो पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग से शोध कर रहे हैं, ने थाने में संरक्षित अंग्रेजों द्वारा लिखित पुराने दस्तावेजों और अभिलेखों का अध्ययन कर इस ऐतिहासिक धरोहर को नया जीवन दिया। उन्होंने थाने की सीमाओं, समय-समय पर इसमें जुड़े और अलग हुए गांवों, सामाजिक और भौगोलिक परिस्थितियों के साथ-साथ ब्रिटिश शासनकाल से अब तक की कई महत्वपूर्ण जानकारियों को सहेजकर इसे एक दस्तावेजी रूप में लिखा।
थाना प्रभारी हेमंत पटेल का कहना है कि यह काम बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन अब इसे प्रामाणिक स्वरूप देकर एक बड़ी कमी को पूरा किया गया है। दीपक के प्रयासों से तैयार यह इतिहास अब थाना भवन में अंकित कर दिया गया है, ताकि यहां आने वाला हर व्यक्ति सिर्फ थाने को कानून-व्यवस्था का केंद्र न समझे बल्कि इसे गौरवशाली धरोहर के रूप में देख सके।
इस उल्लेखनीय कार्य के लिए नगर के ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों और नगर के प्रबुद्धजनों ने दीपक को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी हैं। समाज के वरिष्ठजनों ने कहा कि दीपक ने न केवल नगर की ऐतिहासिक धरोहर को नया रूप दिया है, बल्कि पलारी की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को भी मजबूती प्रदान की है।
पलारी का यह थाना अब सिर्फ पुलिसिंग की पहचान नहीं, बल्कि 119 साल की ऐतिहासिक यात्रा का साक्षी बनकर खड़ा है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।