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किसानों के लिए बड़ी खबर : धान बेचने के लिए एग्री स्टेक पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य*

जिला ब्यूरो चीफ/तोषन प्रसाद चौबे

बलौदाबाजार, 21 अगस्त 2025।
राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि इस साल खरीफ 2025 में जो भी किसान धान बेचना चाहते हैं, उन्हें पहले एग्री स्टेक पोर्टल में पंजीयन कराना होगा। बिना पंजीयन वाले किसानों से समितियां धान नहीं खरीदेंगी।

कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशन में जिले में तेजी से पंजीयन कार्य चल रहा है। कृषि विभाग का अमला गांव-गांव जाकर किसानों को जानकारी दे रहा है और पंजीयन करवा रहा है।

पिछले साल खरीफ 2024-25 में जिले के कुल 1,60,010 किसानों ने धान बेचा था। इनमें से 1,40,362 किसानों का पंजीयन एग्री स्टेक पोर्टल पर पूरा हो चुका है। यानी लगभग 88 प्रतिशत किसान तैयार हैं, जबकि अभी भी 12 प्रतिशत किसान बाकी हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम लगातार संपर्क कर इन किसानों का पंजीयन करा रही है।

पंजीयन क्यों ज़रूरी है?
कृषि विभाग के उप संचालक दीपक कुमार नायक ने बताया कि एग्री स्टेक पोर्टल पर पंजीयन कराने से किसानों को कई फायदे मिलते हैं –

धान उपार्जन के लिए किसान की पहचान सुरक्षित हो जाती है।

केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ समय पर मिलता है।

किसान का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहता है।

किसान कैसे कर सकते हैं पंजीयन?
पंजीयन दो तरीकों से किया जा सकता है –

स्वयं किसान मोबाइल एप के माध्यम से।

सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर), च्वाइस सेंटर, या सहकारी समिति में जाकर।

पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज़
कृषि भूमि का कागज (बी-1, खसरा या ऋण पुस्तिका)

आधार कार्ड

मोबाइल नंबर

कहाँ कराया जा सकता है पंजीयन?
नज़दीकी च्वाइस सेंटर

सहकारी समिति

जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक

अथवा स्वयं एग्री स्टेक पोर्टल से

ध्यान देने योग्य बात
खरीफ 2025 में धान बेचने का अधिकार केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिन्होंने पंजीयन करा लिया है।

पंजीयन के बाद किसानों को किसान आईडी प्राप्त होगी, जो आगे धान बेचने के लिए ज़रूरी होगी।

समस्या होने पर कहाँ संपर्क करें?
अगर पंजीयन में किसी तरह की परेशानी आती है तो किसान –

क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं, या

किसान कॉल सेंटर 91099-17787 पर फोन कर सकते हैं।

👉 अब किसानों से अपील है कि वे देरी न करें, जल्द से जल्द पंजीयन कराकर खरीफ 2025 के लिए अपनी तैयारी पूरी करें।

स्वतंत्र पत्रकार

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