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Tamil Nadu: टीवीके प्रमुख विजय के बयान पर बवाल, मंत्री ने कहा- अपरिपक्व भाषा पर खुद पर करें आत्मचिंतन

Tamil Nadu: तमिलनाडु में अभिनेता और नेता टीवीके प्रमुख विजय के हालिया बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। अभिनेता-नेता ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को ‘अंकल’ कहकर संबोधित किया, जिससे राज्य में सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। इस बयान को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोजी ने कड़ा रुख अपनाया और इसे अपरिपक्व करार दिया। मंत्री ने कहा कि केवल पार्टी बनाने का मतलब यह नहीं कि कोई भी असंयमित भाषा का प्रयोग कर सकता है।

अपरिपक्व भाषा के लिए आत्मचिंतन की जरूरत

अंबिल महेश ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का 50 साल का राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन रहा है। वे न केवल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं, बल्कि डीएमके जैसे बड़े राजनीतिक दल के नेतृत्वकर्ता भी हैं। ऐसे में उन्हें ‘अंकल’ कहकर संबोधित करना न सिर्फ अनुचित है बल्कि राजनीतिक शिष्टाचार और तमिल राजनीति की परंपराओं के खिलाफ भी है। मंत्री ने कहा कि विजय और उनके समर्थकों को यह समझना चाहिए कि इस तरह के शब्दों का प्रयोग राजनीतिक माहौल को खराब कर सकता है और नेताओं के बीच सम्मान की भावना को चोट पहुंचा सकता है।

करुणानिधि और स्टालिन के संबंधों का जिक्र

मंत्री अंबिल महेश ने याद दिलाया कि विजय के परिवार का पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके संरक्षक करुणानिधि, वर्तमान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन से अच्छा संबंध रहा है। ऐसे मजबूत रिश्तों के बीच इस प्रकार का असंयमित शब्द प्रयोग समझदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि विजय का भाषण अपरिपक्वता और असंयम से भरा हुआ था और इसने राजनीतिक माहौल को प्रभावित किया।

Tamil Nadu: टीवीके प्रमुख विजय के बयान पर बवाल, मंत्री ने कहा- अपरिपक्व भाषा पर खुद पर करें आत्मचिंतन

राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारी का सवाल

शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी नेता या सार्वजनिक व्यक्ति के लिए भाषा का चयन और शिष्टाचार बनाए रखना बेहद जरूरी है। जनता नेता की छवि को उसके व्यवहार और बोलचाल से जोड़कर देखती है। इसलिए, किसी भी राजनीतिक बयान में असंयमित भाषा का प्रयोग न केवल व्यक्तिगत रूप से अपमानजनक हो सकता है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी पहुंचा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि टीवीके प्रमुख विजय को यह समझना होगा कि उनके शब्दों का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव काफी व्यापक हो सकता है।

विवाद बढ़ने के संकेत

विजय के बयान के बाद तमिलनाडु में राजनीतिक दलों के बीच हलचल बढ़ गई है। विपक्षी और समर्थक दोनों ही शिविरों में इस बयान पर चर्चा हो रही है। अंबिल महेश का बयान स्पष्ट संदेश देता है कि वरिष्ठ नेताओं के प्रति सम्मान बनाए रखना सभी के लिए अनिवार्य है। मंत्री ने कहा कि इस विवाद ने यह दिखा दिया कि असंयमित भाषा का राजनीतिक माहौल पर तत्काल प्रभाव पड़ता है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

तमिलनाडु की राजनीति में सियासी सम्मान और शिष्टाचार बनाए रखना बहुत जरूरी है। अभिनेता और नेता टीवीके प्रमुख विजय का बयान केवल एक व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं है, बल्कि इसका व्यापक राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव है। शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोजी ने स्पष्ट किया कि ऐसे बयान असंयमित और अपरिपक्व भाषा के उदाहरण हैं। उन्होंने विजय से अपील की है कि वे अपने शब्दों पर आत्मचिंतन करें और वरिष्ठ नेताओं के प्रति सम्मान का भाव बनाए रखें। इस बयान के बाद तमिलनाडु की सियासत में शिष्टाचार और भाषा के महत्व पर एक नई बहस छिड़ गई है।

इस विवाद से यह स्पष्ट होता है कि राजनीति में भाषा और सम्मान का महत्व केवल कूटनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत अहम है। तमिलनाडु के नेताओं और समर्थकों के लिए यह मामला एक सबक है कि शब्दों का प्रभाव व्यापक होता है और असंयमित भाषा से राजनीतिक माहौल प्रभावित हो सकता है

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