Mandi flood: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। चौहार घाटी के आरंग नाले में अचानक बादल फटने से आई बाढ़ ने गांववासियों की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया। इस आपदा में दस फुटब्रिज, तीन दुकानें, दो मकान और दो पशुशालाएं बह गईं। इसके अलावा नाले ने दो कारें और एक बाइक भी अपने साथ ले ली। सरकारी स्कूल की दीवारें भी टूट गईं और पानी स्कूल में घुस गया।
बादल फटने की घटना रात करीब तीन बजे हुई। स्थानीय लोगों के अनुसार अचानक तेज धमाका हुआ और लोग डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। जितेन्द्र कुमार ठाकुर ने बताया कि उनकी चार दुकानें पूरी तरह तबाह हो गईं। दुकानों में रखे लगभग दो से ढाई लाख रुपये मूल्य के सामान बर्बाद हो गए। केवल चार घंटे के भीतर उनका सारा सामान पानी में बह गया।
बाढ़ के पांच दिन बीत चुके हैं लेकिन गांव के हालात अब तक सामान्य नहीं हो पाए हैं। रास्ते बंद होने के कारण लोग बाहर से दवा और जरूरी सामान नहीं ला पा रहे हैं। कई घर अभी भी खतरे के निशान पर हैं। लोग खाने, पानी और दवा की कमी से जूझ रहे हैं। मंडी और आसपास के इलाकों में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
स्थानीय निवासी मणिराम ने कहा, “मरना होगा तो मर जाएंगे, घर है नहीं तो कहां जाएं। खाने रोटी का तो जुगाड़ करना पड़ेगा। हमारे पास कोई नौकरी नहीं है, ना ही कोई कामकाज है।” रेशमी देवी ने बताया, “हमें भी डर लगता है, पर कहां जाएं। घर है नहीं, मजदूरी भी नहीं है। बारिश की वजह से कोई कमाई नहीं है, सब कुछ बह गया। बच्चों के लिए खाना जुटाना बहुत मुश्किल हो गया है और बीमार पड़ने पर दवा भी नहीं मिल रही।”
यह स्थिति यह दर्शाती है कि बाढ़ ने गांववासियों की रोजमर्रा की जिंदगी को पूरी तरह से प्रभावित किया है। घर, दुकान और पशुशालाओं के बह जाने से आर्थिक नुकसान हुआ है। खाने और दवा जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा स्कूलों और सार्वजनिक संरचनाओं को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
Mandi flood: घर-दुकान बहने से लोगों की जिंदगी संकट में
गांववासियों के लिए खतरा अब भी पूरी तरह से टला नहीं है। बारिश की संभावना और नाले के उफान के कारण लोग लगातार सतर्क हैं। जीवन और संपत्ति दोनों ही जोखिम में हैं। ग्रामीण प्रशासन और राहत संगठन फिलहाल प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में जुटे हैं, लेकिन लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाना एक चुनौती बना हुआ है।
हालांकि बाढ़ झेल रहे लोग उम्मीद नहीं खो रहे हैं। वे चाहते हैं कि जल्द ही सरकार और राहत संगठन उनकी मदद करें और स्थिति सामान्य हो ताकि उनका जीवन फिर से पटरी पर लौट सके। गांव के लोग अपने घरों और दुकानों की बहाली, बच्चों की सुरक्षा और रोजगार की वापसी की उम्मीद में दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं।
इस घटना ने यह भी उजागर किया कि हिमाचल प्रदेश जैसे क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। गांववासियों की सुरक्षा और राहत के लिए बेहतर तैयारियों की आवश्यकता है। मौजूदा समय में मंडी के लोग बाढ़ की चुनौतियों का सामना करते हुए जीवनयापन कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही राहत कार्य पूरे हों और उनकी जिंदगी सामान्य हो सके।
मंडी की यह कहानी बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के समय ग्रामीण जीवन की कठिनाईयों और संघर्ष की गवाही देती है। घर-दुकान बह जाने, दवा और खाने की कमी जैसी चुनौतियों के बीच भी लोग उम्मीद और धैर्य बनाए हुए हैं। उनके लिए यह समय एक कठिन परीक्षा है, लेकिन मानव साहस और सामूहिक प्रयास से स्थिति जल्द ही सुधरने की संभावना बनी हुई है।