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Assam: असम में पाकिस्तानी पत्रकार नजम सेठी और सत्यपाल मलिक पर FIR, देश की संप्रभुता कमजोर करने का आरोप

Assam: असम के गुवाहाटी से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहाँ की पुलिस ने पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नजम सेठी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल और दिवंगत नेता सत्यपाल मलिक समेत कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि इन लोगों ने अपने लेखों और इंटरव्यू के जरिए भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को कमजोर करने वाली बातें कही हैं।

किसने दर्ज कराई FIR?

यह एफआईआर गुवाहाटी के रहने वाले बीजू वर्मा ने दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस से शिकायत में कहा कि ऑनलाइन न्यूज पोर्टल द वायर (The Wire) पर प्रकाशित लेखों और इंटरव्यू में ऐसी सामग्री है, जो न केवल देश की सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देती है, बल्कि समाज में दुश्मनी और अव्यवस्था फैलाने का भी काम करती है।
एफआईआर 9 मई को दर्ज की गई थी। इसमें पाकिस्तानी पत्रकार नजम सेठी, दिवंगत सत्यपाल मलिक के अलावा, जाने-माने पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन, करन थापर और आशुतोष भारद्वाज के नाम भी शामिल हैं। इसके साथ ही एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

क्या हैं आरोप?

शिकायतकर्ता बीजू वर्मा का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद द वायर पर कुछ लेख और इंटरव्यू प्रकाशित किए गए। इनमें ऐसी बातें कही गईं, जिनसे प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को कमजोर करने का प्रयास किया गया है।
इसके अलावा, एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि—
  • इन बयानों और लेखों ने समाज में दुश्मनी बढ़ाने का काम किया।
  • देश में अव्यवस्था फैलाने और झूठी जानकारी प्रसारित करने का प्रयास किया गया।
  • राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुँचाने वाली बातें जानबूझकर प्रसारित की गईं।
Assam: असम में पाकिस्तानी पत्रकार नजम सेठी और सत्यपाल मलिक पर FIR, देश की संप्रभुता कमजोर करने का आरोप
Assam: असम में पाकिस्तानी पत्रकार नजम सेठी और सत्यपाल मलिक पर FIR, देश की संप्रभुता कमजोर करने का आरोप

सत्यपाल मलिक का नाम क्यों आया?

सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल रह चुके हैं। उन्होंने कई मौकों पर विवादित बयान दिए थे, खासकर पुलवामा हमले और सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी पर। उनके बयानों को विपक्षी दलों और कुछ मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स ने भी प्रमुखता से उठाया। इस एफआईआर में दावा किया गया है कि मलिक के इंटरव्यू और बयानों से देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते हैं और इससे भारत की संप्रभुता कमजोर होती है।

पाकिस्तानी पत्रकार नजम सेठी पर आरोप

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक नजम सेठी भी इस एफआईआर में नामजद हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने भारत के खिलाफ बयानबाजी की और भारतीय सुरक्षा नीतियों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं।

पत्रकारों के खिलाफ मामला

एफआईआर में शामिल सिद्धार्थ वरदराजन, करन थापर और आशुतोष भारद्वाज जैसे वरिष्ठ पत्रकारों पर आरोप है कि उन्होंने ऐसे इंटरव्यू और लेख प्रकाशित किए, जो न केवल पक्षपाती थे बल्कि इनमें तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। शिकायत में कहा गया कि इन पत्रकारों ने अपने मंच का इस्तेमाल देश विरोधी नैरेटिव फैलाने के लिए किया।

कानूनी धाराएँ और पुलिस की कार्रवाई

अभी तक पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इनमें देशद्रोह, समाज में दुश्मनी फैलाने और फर्जी जानकारी प्रसारित करने से जुड़ी धाराएँ शामिल होने की संभावना है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और सभी संबंधित दस्तावेज, लेख और इंटरव्यू खंगाले जा रहे हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

यह मामला सामने आने के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम मीडिया की स्वतंत्रता पर प्रहार है, जबकि दूसरी ओर कुछ का कहना है कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

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