जिला ब्यूरो चीफ/तोषन प्रसाद चौबे
भवानीपुर और आसपास के गांवों में हलषष्ठी पर्व इस बार आस्था और उत्साह के रंग में सराबोर रहा। भोर होते ही महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में पूजन सामग्री लेकर एकत्र हुईं—भैंस का दूध-दही, लाई-महुआ, सुहाग की छह वस्तुएं, खिलौनों से सजी थालियां… हर हाथ में भक्ति का उमंग।
पंडित उमा शंकर तिवारी और रोमित तिवारी के मंत्रोच्चार के बीच सागरी पूजन हुआ, फिर सुनाई गई हलषष्ठी की चमत्कारी कथा—जिसमें माता हलषष्ठी की कृपा से मृत बच्चे फिर जीवित हो उठे। बलराम जी के जन्मोत्सव का यह पर्व पूरे क्षेत्र में जयकारों से गूंज उठा।
भवानीपुर, खपरी, सिसदेवरी, सुंदरी, वटगन, गिधपुरी समेत दर्जनों गांवों की महिलाएं शामिल हुईं। हर कोई माता की महिमा में लीन, संतान की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली की प्रार्थना में मग्न रहा। पूरे दिन गांव-गांव भक्ति की लहर दौड़ती रही, और हलषष्ठी माता के जयकारे आसमान तक गूंजते रहे। 🚩