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USCIS ने CSPA नियमों में बदलाव किए, H-1B वीजा धारकों के बच्चों की स्थिति प्रभावित! अमेरिका की नई नीति से बढ़ी मुश्किलें

अमेरिका की नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने अपने नियमों में बदलाव किया है, खासकर Child Status Protection Act (CSPA) के तहत उम्र की गणना को लेकर। ये नए नियम 15 अगस्त 2025 या उसके बाद दाखिल की गई आवेदनों पर लागू होंगे। इन नियमों के अनुसार अब वीजा उपलब्धता की जांच अमेरिकी विदेश विभाग के वीज़ा बुलेटिन के Final Action Date चार्ट के आधार पर की जाएगी। इसके चलते CSPA की सुरक्षा अवधि कम हो सकती है और कई बच्चे, जो पहले उम्र सीमा के भीतर थे, वे अब ‘आयु सीमा पार’ (aging out) के खतरे में आ सकते हैं।

H-1B वीजा धारकों के बच्चों के लिए नई नीति चिंता का विषय

यह नीति खासकर उन H-1B वीजा धारकों के बच्चों को प्रभावित करती है जो अमेरिका में रहते हैं लेकिन विदेश में जन्मे हैं। कई वर्षों से वीजा बैकलॉग में फंसे ये बच्चे 21 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद ग्रीन कार्ड की पात्रता खो देते हैं। इस नई नीति के लागू होने से यह अवधि और भी कम हो सकती है, जिससे उनके कानूनी अधिकारों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। USCIS ने बताया कि जो आवेदन 15 अगस्त 2025 से पहले दायर होंगे, उनके लिए पुराना नियम ही लागू होगा। हालांकि, वीजा उपलब्ध होने के एक वर्ष के भीतर स्थायी निवास के लिए आवेदन न करने पर भी कुछ विशेष परिस्थितियों में छूट मिल सकती है।

USCIS ने CSPA नियमों में बदलाव किए, H-1B वीजा धारकों के बच्चों की स्थिति प्रभावित! अमेरिका की नई नीति से बढ़ी मुश्किलें

बच्चों को ग्रीन कार्ड मिलने की संभावना घटेगी

इस बदलाव ने भारतीय H-1B वीजा धारकों के परिवारों में भारी चिंता पैदा कर दी है। क्योंकि कई भारतीय परिवार दशकों से वीजा बैकलॉग की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में जिन बच्चों का अधिकांश जीवन अमेरिका में बीता है और जो सांस्कृतिक रूप से अमेरिकी महसूस करते हैं, उन्हें 21 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद ग्रीन कार्ड से वंचित किया जा सकता है। इससे उनके भविष्य और कानूनी स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है।

वीजा नवीनीकरण के लिए अब होम कंट्री जाकर इंटरव्यू जरूरी

USCIS के साथ-साथ अमेरिकी विदेश विभाग ने भी H-1B और अन्य गैर-प्रवासी वीजा नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब 2 सितंबर 2025 से गैर-प्रवासी वीजा धारकों को वीजा नवीनीकरण के लिए अपने देश जाकर व्यक्तिगत इंटरव्यू देना अनिवार्य होगा। यह नियम पहले हटा दिया गया था, लेकिन अब इसे पुनः लागू किया गया है। इसका मतलब है कि भारत सहित अन्य देशों के वीजाधारकों को वीजा रिन्यू करवाने के लिए अपने देश लौटना होगा और वहां से ही प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

भारत को सबसे ज्यादा H-1B वीजा जारी किए गए


यह जानकारी भी महत्वपूर्ण है कि भारत को अमेरिका में सबसे अधिक H-1B वीजा जारी किए जाते हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023 में लगभग 1,91,000 भारतीयों को H-1B वीजा मिला था और यह संख्या वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 2,07,000 तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में USCIS और विदेश विभाग के ये बदलाव लाखों भारतीयों को सीधे प्रभावित कर सकते हैं।

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