जिला ब्यूरो चीफ/तोषन प्रसाद चौबे
जनपद पंचायत पलारी के ग्राम भवानीपुर से रिवाडीह तक जाने वाला करीब 5 किलोमीटर लंबा सीसी रोड अब गड्ढों और दलदल में तब्दील हो चुका है। इस जर्जर सड़क के कारण चार गांवों की करीब 10 हजार की आबादी प्रभावित हो रही है। छात्र-छात्राओं को भवानीपुर हाई स्कूल आने-जाने में भी दिक्कत हो रही है ऐसी स्थिति में कई दिन ऐसा होता है जो स्कूल भी नहीं जा पाते ।
सड़क मूल रूप से 9 टन वजन क्षमता वाली थी, लेकिन रेत माफियाओं की 40-45 टन वजनी हाइवा और ओवरलोड गाड़ियों ने इसे पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। अब स्थानीय लोगों के लिए यह मार्ग यात्रा करना दूभर हो गया है, खासकर बारिश के मौसम में तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है।
इस सड़क के खराब होने का मुख्य कारण चरौदा और बम्हनी रेत घाट से निकलने वाली भारी संख्या में ओवरलोड गाड़ियां हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि रेत घाट आधिकारिक तौर पर बंद होने के बावजूद भी माफिया गैरकानूनी तरीके से डम्परों से रेत की ढुलाई कर रहे हैं, जिससे सड़क की हालत बदतर हो गई है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि रेत ठेकेदारों ने कुछ जगहों पर बजरी डालकर सड़क को अस्थायी रूप से चलने लायक बनाया था, लेकिन बारिश के बाद वह भी धंस गया और अब पूरा रास्ता दलदल में तब्दील हो गया है।
कोदवा-ससहा-देवसुंद्रा मार्ग भी जर्जर हालत में
इसी तरह, कोदवा-ससहा-देवसुंद्रा मार्ग भी 8 किलोमीटर लंबी पक्की सड़क होने के बावजूद अब गड्ढों का घर बन चुका है। इस सड़क का निर्माण करीब 15 साल पहले हुआ था, लेकिन समय पर मरम्मत न होने के कारण यह पूरी तरह जर्जर हो गई है। इस मार्ग पर दर्जनों गांवों की 25 हजार से अधिक आबादी निर्भर है। गाड़ाभाटा, टीला, दतान, सकरी, बोरतरा, औरासी, चुचरूंगपुर, गुमा आदि गांवों के लोग राजधानी जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। बारिश के मौसम में गड्ढे पानी से भर जाते हैं, जिससे वाहन चलाना मुश्किल हो जाता है।
स्थानीय ग्रामीण सरपंच शालिक राम जनपद सदस्य जनार्दन वर्मा ओंकारेश्वर वर्मा गोविंद कन्नौजे अंजोरी यादव खुलेश कन्नौज महेश साहू विष्णु साहू आदि ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि प्रशासन की लापरवाही के कारण उन्हें रोजाना इस जर्जर सड़क से गुजरना पड़ता है। बारिश के दिनों में तो स्थिति और भी खराब हो जाती है, क्योंकि गड्ढों में पानी भर जाने से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि तुरंत इस सड़क की मरम्मत कराई जाए और रेत माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में सड़क को फिर से नुकसान न पहुंचे।
सड़कों की जर्जर हालत ने ग्रामीणों के जीवन को मुश्किल में डाल दिया है। बारिश के मौसम में यह समस्या और भी विकराल रूप ले लेती है। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत इन मार्गों की मरम्मत कराए और अवैध रेत ढुलाई पर रोक लगाए, ताकि ग्रामीणों को सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित हो सके।