बसव प्रतिष्ठान का कार्य महात्मा बसवण्णा द्वारा दिए गए मानवता के संदेश के अनुरूप है – शरण पाटिल
बसव प्रतिष्ठान ने 27 लोगों को बसवरत्न पुरस्कार से सम्मानित किया
प्रशांत गायकवाड -धाराशिव
मुरूम दिनांक 25, क्रांतिसूर्य विश्वगुरु महात्मा बसवेश्वर ने 12वीं शताब्दी में मानवता का संदेश दिया तथा अनुभव मंडप के माध्यम से सभी धर्मों को एक साथ लाकर तथा जातिगत भेदभाव को नष्ट करके समाज के उत्थान में योगदान दिया, तथा बसव प्रतिष्ठान उसी सिद्धांत पर काम कर रहा है, ऐसा शरण पाटिल ने व्यक्त किया। श्री महात्मा बसवेश्वर जयंती उत्सव के अवसर पर बसव प्रतिष्ठान अखिल भारतीय सामाजिक संगठन की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 27 लोगों को राज्य स्तरीय बसवरत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया, साथ ही प्राथमिक रूप में जिला परिषद केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय के कक्षा 1 से 4 तक के विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री वितरित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। वे इस अवसर पर बोल रहे थे। बसवरत्न पुरस्कार समारोह का यह 11वां वर्ष था। इस अवसर पर शाहिर रमेश खाड़े की श्री महात्मा बसवण्णा पोवाड़ा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उमरगा जनता बैंक के अध्यक्ष शरण बसवराज पाटिल ने की। मुख्य अतिथि माननीय संयुक्त निदेशक चीनी आयुक्तालय पुणे डी. आई. गायकवाड़, विठ्ठलसाई कारखाना निदेशक विठ्ठलराव बडोले, उद्योगपति बालाजी सुरवसे, नगर परिषद मुरुम मुख्य अधिकारी सचिन भुजबल, पूर्व महापौर रशीद शेख, बसप्पा वलसांग, शाहिर रमेश खाड़े, बसव प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ. रामलिंगा पुराने आदि उपस्थित थे। प्रारंभ में उपस्थित गणमान्यों ने द्वीप प्रज्वलित कर, राष्ट्रगान बजाकर और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर महात्मा बसवेश्वर की पूर्ण लंबाई वाली प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। आगे बोलते हुए पाटिल ने कहा कि महान समाज सुधारक महात्मा बसवण्णा के विचार सभी धर्मों के लिए समानता के थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें लोकतंत्र का जनक कहा जाता है और इस अवसर पर पुरस्कार विजेताओं को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर बोलते हुए विठ्ठलराव बडोले ने कहा कि बसव प्रतिष्ठान का कार्य सराहनीय है तथा इसके सामाजिक कार्यों की कोई सीमा नहीं है, यही कारण है कि यह पिछले 11 वर्षों से इस मंच के माध्यम से विभिन्न धर्मों और क्षेत्रों के उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करता आ रहा है। इस अवसर पर डी.आई. गायकवाड़, सुरवसे, भुजबल आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण ठाकुर ने किया, परिचय डॉ. रामलिंगा पुराने ने दिया तथा आभार ज्ञापन प्रा. डॉ. श्रीमती मनीषा नागिले ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिला बहनें और नागरिक उपस्थित थे। महाप्रसाद के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ। डिंगबर सोनटक्के, महेश लोनी, मल्लिनाथ सागेरे, विजय घोडके, अमित ढाले, सागर कोली, उमेश पुराने, शुभम पुराने, आकाश वागरे आदि ने कड़ी मेहनत की। विशेष अभिनंदन पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर “महाराष्ट्र रत्न” पुरस्कार प्राप्त करने पर बसव प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ. रामलिंगा पुराणे को मुरुम के धनगर समुदाय की ओर से शरण पाटिल ने काठी और शॉल भेंट कर सम्मानित किया। बसवरत्न पुरस्कार विजेताओं की सूची
श्रीराम सुभाष कुलकर्णी, मुरुम-सामाजिक, संतोष विलासराव तगारखेड़े, निलंगा-स्वास्थ्य सेवाएं,
अशोक सुर्याबा अलदार, सांगोला- सामाजिक-बालाजी विश्वनाथ सुरवसे, धाराशिव- पत्रकार, शेशेराव अंकुश लवटे, कोरेगांव वाडी- सामाजिक, संतोष मधुकर महिमकर सांगोला- सामाजिक क्षेत्र, अविनाश गुंडेराव काले, उमरगा- पत्रकार, कंतराव हनमंतराव मांडले, बेराडवाडी- सामाजिक, बालकृष्ण भारत सालुंके, धाराशिव- प्रशासनिक, पंडित बाबूराव मुदकन्ना, मुरुम- व्यवसाय, वकील। फरहीन खान-पटेल, उमरगा-वकील, सचिन महादेव भुजबल, वडगांव-प्रशासनिक, प्रदीप गुरुनाथ गवनहे, मुरुम-सर्फ़मित्र, विजय गणेश सवातार, जगजी टी.डी. धाराशिव-संगीत, ए.डी.एस.पी. इनामदार, केसरज्वालगा-कानूनी क्षेत्र, पंकज बबन बनसोडे, मुरुम-व्यापार, बाबासाहेब मल्लिनाथ पाटिल, कोथली-कृषि, बालाजी अजीनाथ सुरावसे, भूम-उद्यमी, अप्पासाहेब धनप्पा मुंडासे, मुरुम-सामाजिक, अभिजीत महादेव लोके, अक्कलकोट-सामाजिक क्षेत्र, श्रीमती। सविता संभाजीराव मुरुमकर, मुरुम-शैक्षणिक, रमेश खाड़े-सोलापुर-शाहीर, अजीत पंडितराव पाटिल जकेकुर-कृषि
जीवनभर की उपलब्धि
श्री काशीनाथ संभाजी मिरगले, मुरुम- शैक्षिक, चंद्रकांत रत्नु राठौड़, बेलंबा टांडा- राजस्व सेवा, डॉ. महेश महालिंग अर्दले, लातूर- लाइफटाइम अचीवमेंट मेडिकल, श्री. शिवशरण गुरलिंगप्पा वर्नाले, मुरुम- लाइफटाइम अचीवमेंट कोऑपरेटिव