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एनएचएम कर्मचारियों की बर्खास्तगी से मचा घमासान, युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष मानस पांडेय ने सरकार को घेरा

जिला ब्यूरो चीफ/तोषन प्रसाद चौबे

रायपुर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की पहले से ही लचर हालत के बीच सरकार का एनएचएम कर्मचारियों पर शिकंजा कसना अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा 25 एनएचएम कर्मचारियों की बर्खास्तगी ने हालात को और बिगाड़ दिया है। इस पर युवा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मानस पांडेय ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह कदम पूरी तरह से तानाशाही और दुर्भाग्यपूर्ण है।
मानस पांडेय ने कहा कि सरकार संवाद स्थापित कर कर्मचारियों की जायज़ मांगों को पूरा करने के बजाय उल्टा उन्हें बर्खास्त कर आंदोलन को दबाने और डराने का काम कर रही है। उन्होंने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि आज प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लाचार हो चुकी है और डबल इंजन की सरकार अब खुद वेंटिलेटर पर जा चुकी है। कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करके सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह लोकतांत्रिक तरीके से नहीं बल्कि तानाशाही रवैये से काम कर रही है।
युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि कर्मचारियों की जायज़ मांगों की अनदेखी और लगातार बर्खास्तगी का यह सिलसिला आने वाले समय में सरकार के लिए बेहद घातक साबित होगा। “यह कदम सरकार की राजनीतिक ताबूत पर अंतिम कील साबित होगा और जनता समय आने पर इसका कड़ा जवाब देगी,” उन्होंने कहा।

प्रदेश में इस फैसले से स्वास्थ्य सेवाएँ और बिगड़ने की आशंका है। कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और आंदोलन के और उग्र होने के आसार हैं। वहीं विपक्ष ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वह इस मुद्दे को सड़क से लेकर सदन तक जोरदार तरीके से उठाएगा।
सरकार के इस फैसले से न केवल कर्मचारी हताश हैं बल्कि आम जनता भी परेशान है क्योंकि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले ही चरमराई हुई है और ऐसे में कर्मचारियों की बर्खास्तगी से हालात और गंभीर हो सकते हैं। कुल मिलाकर, सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराव अब निर्णायक मोड़ पर पहुँचता दिख रहा है।

स्वतंत्र पत्रकार

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