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बस्तर के बाड़ पीड़ितों की सहायता के लिए: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से सोशल एक्टिविस्ट-तरुण खटकर की मार्मिक अपील

 

माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी,

सादर प्रणाम-यह पत्र बस्तर की उस त्रासदी की दास्तान है, जो वहाँ की भारी वर्षा से नदियों के उग्र रूप धारण करने से जन्मी है।

मैं, तरुण खटकर, इस पीड़ा को करीब से महसूस कर रहा हूँ और आप तक बस्तर के लोगों की मार्मिक पुकार पहुँचाने के लिए यह पत्र लिख रहा हूँ। बाढ़ के पानी ने सिर्फ घरों और फसलों को नहीं डुबोया है, बल्कि उन लोगों की उम्मीदों और सपनों को भी बहा दिया है जो इस मिट्टी से अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं।

आज, जब बाड़ में डुबे बस्तर का हर नागरिक बेबस खड़ा है, तो आपकी सरकार और आपके कुशल नेतृत्व की ओर हर बस्तरिहा की आशा भरी निगाहें टिकी हैं।

यह समय कागजी कार्रवाई का नहीं, बल्कि जमीन पर उतरकर ठोस कदम उठाने का है। मैं आपसे और आपकी सरकार से तत्काल और प्रभावी हस्तक्षेप की विनम्र अपील करता हूँ।

हमारी अपील और अपेक्षाएँ।

त्वरित राहत और बचाव कार्य।

प्रभावित इलाकों में भोजन, स्वच्छ पेयजल, कपड़े, और दवाइयों की तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

बचाव दल हर घर तक पहुँचे और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाले।

आर्थिक सहायता और पुनर्वास।

बाढ़ प्रभावित हर परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए ताकि वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें। साथ ही, उनके घरों और आजीविका को फिर से स्थापित करने के लिए एक विस्तृत पुनर्वास योजना बनाई जाए।

स्वास्थ्य सेवाएँ।

बाढ़ के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। चिकित्सा शिविरों की स्थापना की जाए और पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मी तैनात किए जाएँ ताकि किसी भी महामारी को फैलने से रोका जा सके।

पारदर्शिता।

राहत कार्यों में पूरी पारदर्शिता बरती जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सहायता सही मायने में जरूरतमंदों तक पहुँच रही है।

बस्तर की आत्मा वहाँ के लोगों में बसती है। वे अपनी मिट्टी से बहुत प्यार करते हैं और हर मुश्किल का सामना हिम्मत से करते हैं। लेकिन आज, उन्हें आपके और आपके सरकार के सहानुभूति के सहारे की सख्त जरूरत है।

आपकी एक छोटी सी पहल, एक संवेदनशील निर्णय, उनके लिए आशा की किरण है आशा करता हुं आप, इस मुश्किल घड़ी में इंसानियत का सबसे बड़ा उदाहरण पेश करेंगे और बस्तर में आएं त्रासदी की मार्मिक पुकार को अनसुना नही करेंगे।

*आपका*

*तरुण खटकर*

*सोशल एक्टिविस्ट*

सह संपादक

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