बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस 05.08.2025 बैठक में विभिन्न प्रकरणों की, की जा रही है पुलिस अधीक्षक द्वारा समीक्षा,बैठक के दौरान थाना/चौकी में प्रधान आरक्षकों के कार्यों का किया जा रहा है आकलन।
📌 नियमित समीक्षा बैठकें:
विवेचना एवं जांच कार्यवाही में तेजी एवं कसावट लाने हेतु पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता द्वारा विभिन्न थाना एवं चौकी में पदस्थ विवेचकों की लगातार समीक्षा बैठक आयोजित किया जा रहा है। बैठक के दौरान थाना/चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षकों के कार्यों के आंकलन हेतु उनके द्वारा की जा रही विवेचना/जांच, लंबित अपराध, मर्ग, गुम इंसान एवं शिकायतों की समीक्षा लगातार किया जा रहा है। समीक्षा बैठक प्रतिदिन पुलिस कार्यालय सभा कक्ष में बलौदाबाजार में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रतिदिन अलग-अलग पुलिस अनुविभागों के प्रधान आरक्षकों की समीक्षा बैठक लिया जा रहा है। समीक्षा उपरांत पुलिस अधीक्षक द्वारा निम्न निर्देश दिये गये –
👉 पुलिस अधीक्षक द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश:
01. सभी आपराधिक प्रकरणों में आरोपियों के पूर्व अपराधिक रिकार्ड संलग्न किया जावे।
02. दो से अधिक प्रकरण में संलिप्त आरोपियों पर विशेष निगाह रखी जावे।
03. सात वर्ष से कम कारावास से दण्डनीय अपराध में माननीय उच्चतम न्यायालय के अर्नेश कुमार विरूद्ध बिहार राज्य में दिये दृष्टांत का अक्षरशः पालन किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
04. सभी अपराधिक प्रकरण में प्रार्थी का कथन, घटना स्थल का निरीक्षण, संपत्ती जप्ती की कार्यवाही ई-साक्ष्य एप के माध्यम से आवश्यक रूप से की जावे।
05. प्रकरण के चश्मदीद गवाहों को धारा 164 द.प्र.सं./183 बीएनएसएस के तहत माननीय न्यायालय से कलमबद्ध बयान दर्ज करायी जावे।
05. एक्सीडेंट के प्रकरणों में मोटरयान अधिनियम की धाराओं का समावेश कर विधिवत कार्यवाही किया जावे।
06. अपहृत बालक/बालिका की बरामदगी संवेदनशीलता के साथ शत प्रतिशत किया जावे।
07. विवेचना कार्यवाही में तकनीती साक्ष्य पर विशेष ध्यान दिये जावे।
08. अपराधियों की पतासाजी हेतु त्रिनयन एप के माध्यम से कैमरों का जाॅच कर फूटेज प्राप्त किया जाकर आवश्यक कार्यवाही किया जावे।
09. सभी प्रकरणों की विवेचना बारिकी से किया जावे शत प्रतिशत् दोषसिद्धी हो।
10. प्रकरणवार पृथक-पृथक निर्देश दिया जाकर सभी अपराध मर्ग गुम इंसान व शिकायतों का निराकरण हेतु निर्देशित किया गया।
11. जाॅच/विवेचना में लापरवाही बरतने वाले प्रधान आरक्षकों को सख्त चेतावनी देकर प्रकरणों का निराकरण करने हेतु निर्देशित किया गया।