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नशामुक्ति केंद्र से अब तक 115 लोगों क़ो मिली नशे की लत से मुक्ति उपचार और काउंसलिंग से बदली जिंदगी।

बलौदाबाजार, 1 अगस्त 2025/ युवाओं क़ो नशे के गिरफ्त से छुड़ाने,उन्हें समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कलेक्टर दीपक सोनी की पहल से जिले में विगत 1 अगस्त 2024 से नई दिशा अभियान संचालित है। इस अभियान क़ो शुरु हुए साल भर हुआ है जिसमें इसके सकारात्मक परिणाम देखने क़ो मिल रहा है। अभियान के तहत शुरु किये गये नशामुक्ति केंद्र से अब तक 115 युवाओं क़ो नशे से छुटकारा मिला है और वे सामान्य जीवन बिता रहे हैं वहीं 11 लोग केंद्र में भर्ती हैं।नशामुक्ति केंद्र में अब तक कुल 126 लोगों ने पंजीयन कराया है।

नशामुक्ति केन्द्र में एक समय पर 15 हितग्राहियों को उपचार दिया जाता है जिसमें उनको एक नियमित दिनचर्या एवं अनुशासन के साथ दवाईयां,खान-पान, मानसिक उपचार,व्यायाम, मनोरंजन की सुविधाएं प्रदाय की जाती है। हितग्राहियों को उपचार एवं सामान्य जीवन जीने की प्रेरणा के लिए केन्द्र में मनोचिकित्सक, नर्स, मनोवैज्ञानिक, पियर एजुकेटर,योगा थेरेपिस्ट, उपलब्ध हैं। साथ ही हितग्राहियों के मनोरंजन के लिए इंडोर गेम जैसे- केरम बोर्ड, शतरंज, कार्ड, लूडो, टी.वी. एवं स्पीकर माइक आदि उपलब्ध हैं। केन्द्र में भर्ती हितग्राही नशा मुक्त होने के पश्चात् समाज में पुनः स्थापित हो सकें एवं सम्मानजनक जीवन जी सकें इस हेतु हितग्राहियों को इलेक्ट्रिशियन, स्लीपर मैकिंग, धूपबत्ती मैकिंग आदि प्रशिक्षण दिया जाता है।

इससे पहले नशे की लत छुड़ाने के लिए जिले में ऐसी कोई स्थायी व्यवस्था नहीं थी जिसके कारण परिवारजनों को अन्य जिलों में भटकना पड़ता था जिससे उनको आर्थिक एवं मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिला मुख्यालय. बलौदाबाजार में नशामुक्ति केंद्र शुरु होने से सुविधा मिल रही है। नशे के आदी व्यक्तियों क़ो परिवारजन, सरपंच, थाने के द्वारा एवं चाईल्ड लाईन तथा सामान्य नागरिकों द्वारा भी केन्द्र तक पहुंचा दिया जाता है।

कर्मचारियों के लिए चुनौतियां- नशे की लत छुड़ाने के लिए कर्मचारियों क़ो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जो उनके लिए चुनौती भी है। नशे की आदी व्यक्ति कभी भी उत्तेजित होकर एवं आवेश में आकर कर्मचारियों पर आक्रमण भी कर देते हैं एवं उपचार के दौरान दवाईयां देना भी एक टास्क के रूप में सामने आता है। कुछ दवाई यदि इंजेक्शन के रूप में दी जानी होती है तो उसके लिए चिकित्सक को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

भारत माता वाहिनी की भूमिका- समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित नशा मुक्त भारत अभियान के साथ-साथ भारत माता वाहिनी योजना के माध्यम से जिले में निरंतर नशा मुक्त अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है। भारत माता वाहिनी समूह की महिलाओं का भी इस अभियान में सहयोग मिल रहा है। भारत माता वाहिनी समूह की स्वयंसेवक बहनों द्वारा अपने गांव के लोगों को नशा मुक्ति संबंधी साहित्यों का वितरण कर नशे के दुष्परिणामों के बारे में बताया जा रहा है। प्रत्येक ग्राम में दीवाल लेखन के साथ ही प्रेरक पोस्टर आदि के माध्यम से निरंतर जनजागृति लाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में भारत माता वाहिनी में कुल128 पंजीकृत समूह है।

सह संपादक

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