
पलारी । फैशन के नाम पर युवाओं की कलाइयों पर चढ़े खतरनाक कड़े अब पुलिस की पकड़ में आ रहे हैं। बलौदाबाजार जिले में पिछले तीन महीनों से चल रहे विशेष अभियान में पलारी पुलिस ने अब तक 200 से अधिक भारी और धारदार मेटल कड़े जब्त किए हैं। इस कार्रवाई ने न केवल युवाओं में बढ़ रहे खतरनाक फैशन ट्रेंड पर रोक लगाई है, बल्कि उन अपराधी प्रवृत्ति के लोगों पर भी शिकंजा कसा है, जो इन कड़ों का उपयोग झगड़ों और हमलों में कर रहे थे।
जिला पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के निर्देश पर यह अभियान तीन महीने पहले शुरू किया गया था। दरअसल, पलारी थाना क्षेत्र में बीते कुछ समय से झगड़े और मारपीट की घटनाओं में अचानक वृद्धि हुई थी। जांच के दौरान सामने आया कि अधिकांश मामलों में 16 से 25 वर्ष के युवक अपने हाथों में पहने भारी मेटल कड़ों से वार कर रहे थे। इन वारदातों में कई लोगों को सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं, जिससे पुलिस को यह फैशन ट्रेंड “हिंसक प्रवृत्ति” में बदलता नजर आने लगा।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसपी भावना गुप्ता ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद थाना प्रभारी हेमंत पटेल की अगुवाई में पलारी पुलिस ने गांवों, चौक-चौराहों और बाजारों में लगातार नाकेबंदी अभियान चलाया। तीन महीनों की इस मुहिम में पुलिस ने 200 से अधिक खतरनाक कड़े जब्त किए और कई युवाओं को समझाइश दी। थाना प्रभारी पटेल ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई किसी धर्म या परंपरा के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम है। उन्होंने बताया कि कई कड़े अपराधी प्रवृत्ति के लोगों से भी जब्त किए गए हैं, जो इनका इस्तेमाल डराने-धमकाने या हमले के लिए कर रहे थे।
पुलिस की इस सख्त कार्रवाई को स्थानीय नागरिकों से भी पूरा समर्थन मिल रहा है। नगर पंचायत अध्यक्ष गोपी साहू ने कहा कि युवाओं में बढ़ रहे इस खतरनाक फैशन को रोकना बेहद जरूरी था। ग्राम जारा निवासी प्रवीण धुरंधर ने कहा कि बलौदाबाजार पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस ने समाज में फैल रही हिंसक प्रवृत्ति को समय रहते रोकने का सराहनीय कदम उठाया है। वहीं केंद्रीय अध्यक्ष धोबी समाज, झड़ी राम कनौजे ने कहा कि यह अभियान युवाओं के भविष्य को सुरक्षित दिशा देने में सहायक सिद्ध होगा।
पलारी पुलिस की यह तीन महीने से चल रही ‘कड़ी’ कार्रवाई अब केवल कानून-व्यवस्था की पहल नहीं रही, बल्कि समाज में बढ़ रही आक्रामकता के खिलाफ एक सामाजिक सुधार आंदोलन का रूप ले चुकी है। एसपी भावना गुप्ता का कहना है कि पुलिस सख्ती के साथ जागरूकता पर भी जोर दे रही है, ताकि युवा फैशन और अपराध के बीच फर्क समझ सकें। तीन महीनों में हासिल हुई इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि फैशन के नाम पर हिंसा अब किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हाय सर
Prashasan dwara bahut Achcha Karya