हरियाणा के आईपीएस पुरन सिंह को जातिगत प्रताड़ित करने वालों की गिरफ्तारी की मांग

राष्ट्रपति व सीजेआई से अजा वर्ग के अधिकारी कर्मचारीयों के साथ संस्थागत भेद-भाव को रोकने कड़ा कानून बनाने हेतु डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

  महासमुंद-:  14 अक्टूबर 2025 हरियाणा के अनुसूचित जाति वर्ग के आईपीएस अधिकारी पुरन कुमार की आत्महत्या के मामले में दोषी अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी एवं अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ होने वाले संस्थागत भेदभाव को रोकने हेतु कड़ा कानून बनाने की मांग को लेकर सर्व अनुसूचित जाति समाज महासमुंद द्वारा राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि आईपीएस अधिकारी पुरन कुमार, जो आईजी के पद पर कार्यरत थे, ने 7 अक्टूबर को आत्महत्या कर ली थी। मरने से पूर्व लिखे गए नौ पृष्ठों के सुसाइड नोट में उन्होंने स्पष्ट रूप से राज्य के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, डीजीपी शत्रुजीत कपूर सहित 15 वरिष्ठ आईएएस एवं आईपीएस अधिकारियों पर जातिगत प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

मृतक की पत्नी, जो स्वयं आईएएस अधिकारी हैं, ने दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है, किंतु अब तक हरियाणा सरकार ने केवल एफआईआर दर्ज कर “जांच उपरांत कार्यवाही” की बात कही है। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि सुसाइड नोट स्वयं एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है और नामजद अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी कर सख्त संदेश दिया जाना चाहिए। साथ ही, यह भी मांग की गई कि मुख्य सचिव व डीजीपी को उनके पद से हटाकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराई जाए ताकि निष्पक्षता बनी रहे।

ज्ञापन में कहा गया कि इस घटना के बाद देशभर के अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों में भारी आक्रोश और भय का माहौल है। समाज ने राष्ट्रपति व मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया कि इस प्रकरण को देशभर में एससी वर्ग के साथ हो रहे संस्थागत जातिगत भेदभाव के प्रतीक के रूप में लिया जाए और इस दिशा में ठोस कानूनी प्रावधान किए जाएं।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारियों को अक्सर लूपलाइन में रखा जाता है, उनके एसीआर जानबूझकर खराब किए जाते हैं, और योग्यता के बजाय आरक्षण पर तंज कसा जाता है। इस कारण वरिष्ठ पदों पर एससी वर्ग के अफसरों की संख्या अत्यंत कम रह जाती है।

मांगें:

हरियाणा के आईपीएस पुरन सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले सभी नामजद अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी।

राज्य के मुख्य सचिव व डीजीपी को पद से हटाकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच।

अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों के संस्थागत उत्पीड़न को रोकने हेतु सशक्त केंद्रीय कानून का निर्माण।

ज्ञापन सौंपने वाले:

तुलेंद्र सागर (संरक्षक), विजय बंजारे, देवेंद्र रौतिया, दिनेश बंजारे (सलाहकार), रेखराज बघेल (जिलाध्यक्ष), आनंद कुर्रे, जे.पी. खटकर, आशाराम बांधे, राजेश रात्रे, घनश्याम जांगड़े, नंदकुमार कोसरे, संतराम कुर्रे, नरेंद्र रौतिया एवं अन्य।

सह संपादक

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