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किसान फसल बचाएं या जान? सड़क बनी संकट का मैदान

जिला ब्यूरो चीफ/तोषन प्रसाद चौबे

पलारी । बिनौरी से सोनार देवरी (धौराभाठा) मार्ग इन दिनों हादसों का नया अड्डा बन चुका है। सड़क पर दिन-रात गायों और मवेशियों का जमावड़ा रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार 70–80 की संख्या में गायें एक साथ सड़क पर बैठी या चलती नजर आ जाती हैं, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों के लिए निकलना बेहद मुश्किल हो जाता है और एक्सीडेंट का खतरा लगातार बढ़ रहा है।

किसानों की मुश्किलें भी कम नहीं हैं। मेहनत से बोई गई फसलें बार-बार मवेशियों के हमले का शिकार हो रही हैं। फसल बचाने के लिए किसानों ने खेतों के चारों ओर लकड़ी के खंभे गाड़कर झटका देने वाले तार लगा दिए हैं। कई ग्रामीणों ने बताया कि इन तारों में करंट तक छोड़ा गया है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

रात के समय हालात और भी भयावह हो जाते हैं। दिनभर खेतों में मेहनत करने के बाद किसान रात को टॉर्च लेकर खेत की रखवाली करते हैं। अंधेरे में मवेशियों को खदेड़ते वक्त कई बार किसानों को चोट भी लग चुकी है। ग्रामीण कहते हैं—“दिन में मेहनत, रात में जागरूक रहना… फसल भी खतरे में और हमारी जान भी। आखिर हम कब चैन से सो पाएंगे?”

एक और गंभीर पहलू यह है कि लोग गाय माता की पूजा तो करते हैं, लेकिन वही मवेशी खुले में छोड़ देते हैं। यही लापरवाही सड़क और गांव दोनों के लिए संकट बन रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पशुपालक अपने मवेशियों का ध्यान नहीं रख रहे, और उन्हें खुले में छोड़ने से हादसों का खतरा और बढ़ता जा रहा है।

इस समस्या से सड़क पर दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। वाहन चालक डर के मारे धीरे-धीरे सफर करते हैं, और कभी-कभी तो सड़क जाम होने से घंटों फंसे रह जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब यह केवल फसल या जान का सवाल नहीं रहा, बल्कि पूरे इलाके की सुरक्षा का मुद्दा बन गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि शासन-प्रशासन को तत्काल कदम उठाने होंगे। उनका मानना है कि यदि समय रहते मवेशियों की भीड़ पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो कभी भी बड़ा हादसा घट सकता है।

गांववालों की सीधी मांग है—“हम अपनी फसल और जान बचाना चाहते हैं। प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी होगी, वरना सड़क और गांव दोनों में हालात और बिगड़ जाएंगे।”

स्वतंत्र पत्रकार

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