à¤à¤¸à¤¾ मेरा नरà¥à¤°à¤¾ गाà¤à¤µ
ओडिशा की सीमा से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾, छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ का वो मान है,
नरà¥à¤°à¤¾ गाà¤à¤µ वो पावन धरती, जहाठबसता हर पà¥à¤°à¤¾à¤£ है ll
à¤à¤• बड़ा सा तालाब वहाà¤, जल है जीवन का आधार,
बाà¤à¤§à¤¾ à¤à¥€ संग-संग खड़ा, देता खेतों को पà¥à¤¯à¤¾à¤° ll
नदी à¤à¥€ बहती पास से, कलकल करती मधà¥à¤° गान,
चारों ओर हरियाली फैली, जैसे बिछी हो कोई तान ll
खेत खलिहान लहलहाते, धान, उड़द की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° यहाà¤,
सबà¥à¤œà¥€, à¤à¤¾à¤œà¥€ à¤à¥€ खूब उगती, फैला है खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ का दà¥à¤µà¤¾à¤° ll
काजू के बागान à¤à¥€ खिलते, समृदà¥à¤§à¤¿ की वो है निशानी,
किसानों के हाथों में मेहनत, लिखते हैं अपनी कहानी ll
राम मंदिर में गूà¤à¤œà¥‡ आरती, शिव मंदिर नदी के घाट,
à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का बहता निरà¥à¤à¤°, जहाठमिलते हैं सब ठाट ll
रथ यातà¥à¤°à¤¾ à¤à¥€ निकलती है इस गाà¤à¤µ में, शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ का उठता जयकार,
संसà¥à¤•ृति की गाथा कहता, नरà¥à¤°à¤¾ गाà¤à¤µ है अनमोल, जहाठहर दिन है तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° ll
गलियों में बहता पानी, चाहे नदी में सूनापन हो,
ये नरà¥à¤°à¤¾ की है अनूठी बात, दिलों में न कोई दूजापन हो ll
बारहवीं तक का सà¥à¤•ूल यहाà¤, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की किरणें बिखेरता,
हर जाति के लोग पà¥à¤°à¥‡à¤® से रहते, हर मà¥à¤¶à¥à¤•िल को सहरà¥à¤· à¤à¥‡à¤²à¤¤à¤¾ ll
गाà¤à¤µ में है à¤à¤• डॉकà¥à¤Ÿà¤° à¤à¥€, देता जीवन की संजीवनी,
सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहे हर नर-नारी, ये है उसकी नेक जीवनी ll
गाà¤à¤µ में है à¤à¤• शराब की दà¥à¤•ान, जीवन के रंग à¤à¥€ है यहाà¤,
सà¥à¤–-दà¥à¤ƒà¤– की कहानियाठबनतीं, हर चेहरा लगता जानी ll
धान की मंडी à¤à¥€ लगती है, जहाठबिकती है मेहनत की उपज,
किसानों के चेहरों पर दिखती है, खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की मीठी अनà¥à¤—ूंज ll
और जब आता है नव वरà¥à¤·, पूरा गाà¤à¤µ à¤à¥‚म जाता है,
नाच गाने की धूम मचे, मिलकर हर दिल मà¥à¤¸à¥à¤•ाता है ll
हर साल कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता, यà¥à¤µà¤¾à¤“ं में जोश à¤à¤°à¤¤à¥€ है,
हार जीत तो खेल का हिसà¥à¤¸à¤¾, पर à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¤¾ पनपती है ll
और जब आते हैं तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°, नरà¥à¤°à¤¾ की रौनक बढ़ जाती है,
हरेली में गेड़ी दौड़ यहाà¤, खेतों की पूजा हो जाती है ll
तीजा में बहà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ मायके आतीं, पति की लंबी उमà¥à¤° है माà¤à¤—तीं,
सà¥à¤† नृतà¥à¤¯ का होता है आयोजन, देवी को रिà¤à¤¾à¤¨à¥‡ वाली वो है धà¥à¤¨ ll
जेठौनी में जलते हैं टà¥à¤•ना, घर से दूर हो हर दà¥à¤–ना,
गौरी गौरा की पूजा होती, लोक गीतों से रातें कटती ll
छेरछेरा में दान माà¤à¤—ते बचà¥à¤šà¥‡, खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤¤à¥‡ कचà¥à¤šà¥‡-पकà¥à¤•े,
दशहरा जब आता यहाà¤, बड़ा धूम धाम से मनाया जाता है ये,
मेला लगता है यहाठबड़ा, खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से à¤à¤° जाता है येll
à¤à¥‚ले लगते, खिलौने बिकते, बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की किलकारी है,
नरà¥à¤°à¤¾ की यह पावन à¤à¥‚मि, सबको लगती पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ है ll
माटी की सौंधी खà¥à¤¶à¤¬à¥‚ में, जहाठबसा है सचà¥à¤šà¤¾ पà¥à¤¯à¤¾à¤°,
मैं धनà¥à¤¯ हूठकि जनà¥à¤®à¤¾ यहाà¤, à¤à¤¸à¤¾ मेरा नरà¥à¤°à¤¾ गाà¤à¤µ, जहाठहर पल है तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° ll
पनà¥à¤¨à¤¾à¤²à¤¾à¤² साहू “पà¥à¤²à¥‡à¤¶”
निवास नरà¥à¤°à¤¾
7089873146