रिपोर्टर टेकराम कोसले
Masb news
कवर्धा, 31 अगस्त 2025।
जिला कवर्धा में दिनांक 31 अगस्त को आदिवासी युवा विचार शक्ति कार्यशाला का सफल आयोजन हुआ। यह विशेष कार्यशाला लगभग चार घंटे तक चली, जिसमें 30 वर्ष से कम आयु के सैकड़ों युवाओं ने भाग लेकर अपने विचार साझा किए और मार्गदर्शन प्राप्त किया।
आधुनिक समय में युवाओं की भूमिका पर चर्चा
कार्यशाला के दौरान युवाओं ने आधुनिक विज्ञानवादी युग में स्वयं को स्थापित करने और प्रतिस्पर्धा के इस दौर में आगे बढ़ने जैसे महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए। वक्ताओं ने विस्तार से बताते हुए कहा कि आज का समय अवसरों और चुनौतियों से भरा हुआ है, इसलिए युवाओं को अपने कौशल, आत्मविश्वास और अनुशासन के बल पर समाज में अपनी पहचान बनानी होगी।
समय ही सबसे मूल्यवान धन
कार्यशाला के मुख्य सत्र में विशेषज्ञों ने “टाइम इज मनी (समय ही धन है)” और “टाइम मैनेजमेंट (समय प्रबंधन)” की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समय का उचित उपयोग कर ही व्यक्ति अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। समय की बर्बादी ही असफलता का कारण है, जबकि समय का योजनाबद्ध उपयोग हर चुनौती को अवसर में बदल सकता है।
आदिवासी क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर विमर्श
सत्र में आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं से जुड़े अनेक ज्वलंत मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया। रोजगार, शिक्षा, तकनीकी जानकारी, सामाजिक समरसता और नशामुक्ति जैसे विषयों पर संवाद हुआ। वक्ताओं ने युवाओं को इन समस्याओं का समाधान खोजने के व्यावहारिक उपाय बताए और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
युवा शक्ति ही भविष्य की नींव
कार्यशाला में यह बात प्रमुख रूप से सामने आई कि युवा वर्ग राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी शक्ति है। यदि आदिवासी अंचल के युवा सही दिशा और मार्गदर्शन प्राप्त करें तो वे न केवल अपने क्षेत्र के बल्कि पूरे समाज के विकास में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।
समापन
चार घंटे चले इस सारगर्भित आयोजन ने युवाओं के भीतर नई ऊर्जा और दृष्टिकोण का संचार किया। उपस्थित युवाओं ने न केवल वक्ताओं की बातों को ध्यानपूर्वक सुना बल्कि अपने अनुभव और सवालों के माध्यम से संवाद को और अधिक उपयोगी बनाया।