MASBNEWS

कुकदा में आवास योजना बनी पारिवारिक सौदा,अपात्रों को दिया लाभ ग्रामीणों ने प्रेस वार्ता कर बताई रोजगार सहायक की मनमानी।

बलौदाबाजार:- सरकार द्वारा बेघर और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को छत मुहैया कराने की दृष्टि से चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना की साख को उस वक्त गहरा धक्का लगा, जब जिला बलौदाबाजार के पलारी जनपद अंतर्गत आने वाले ग्राम कुकदा निवासी रोहित कुमार कुर्रे, चन्द्रशेखर घृतलहरे, परदेशी खंडेलवाल, रामप्रसाद घृतलहरे,आदि ग्रामीणों ने ग्राम के रोजगार सहायक राजेन्द्र मारकण्डे के विरुद्ध गंभीर भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और शासकीय योजना के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मामले को लेकर जिला प्रेस क्लब बलौदाबाजार मे प्रेस वार्ता की। ग्रामीणों ने बताया कि मामले की शिकायत कलेक्टर, सीईओ, तहसीलदार के समक्ष की गयी है किन्तु अभी तक कोई कार्रवाही देखने को नहीं मिली।

5 हजार रिश्वत नहीं दी तो नहीं किया सर्वे।

 

 

 

 

 

 

 

ग्रामीण रोहित कुमार ने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि रोजगार सहायक राजेन्द्र मारकण्डे ने उनसे प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सर्वे करवाने के एवज में 5 हजार की मांग की। जब उन्होंने यह राशि देने से इंकार किया, तो सचिव ने साफ शब्दों में कहा – पैसा नहीं दोगे तो सर्वे नहीं करूंगा, जहां चाहो शिकायत कर लो, मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा। इस प्रकार की खुली धमकी ने शासन की योजनाओं की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

वास्तविक पात्र को योजना से वंचित, अपात्रों को लाभ।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

ग्रामीणों का कहना है कि वह कच्ची झोपड़ी में निवास करता है और पूरी तरह से योजना के लिए पात्र है, फिर भी रोजगार सहायक द्वारा जानबूझकर उसे योजना से वंचित किया गया। वहीं, ऐसे कई व्यक्तियों को योजना का लाभ मिला है, जिनके पास पहले से पक्के मकान हैं। उदाहरण के तौर पर – आजूराम बंजारे, हरी बघेल, मुन्ना राम,पीला बघेल, तिलक यादव, सुजवा एवं उनके दोनों पुत्र,कृष्णा सोनी, रामकिशुन, राजकुमार यादव, सालिक यादव, गणेशिया, प्यारे लाल, हरीश वर्मा, कन्हैया यादव मयाराम के पुत्र मनोज व मनोहर सहित दर्जनों लोगों के नाम आवेदन में शामिल हैं, जिनके पास पहले से पक्के मकान हैं फिर भी उन्हें आवास स्वीकृत किया गया है।

परिवारवाद और अपात्र लोगों का पक्षपातपूर्ण चयन।

ग्रामीणों ने पत्रकारों को बताया एवं सौपे गए लिखित आवेदन में यह भी गंभीर आरोप लगाया गया है कि रोजगार सचिव ने अपने पिता, चाचा, भाई, जीजा, भतीजे और अन्य रिश्तेदारों के नाम से योजना में फर्जी तरीके से नाम जोड़कर लाभ दिलाया है। रोजगार सहायक के स्वयं का दो अलग अलग जगह आलिशान मकान होने के बावजूद अपने पिता पुसऊ राम के नाम पर न केवल आवास पास कराया बल्कि उक्त आवास को शासकीय जमीन मे निर्माण भी करवाया है। साथ ही परिवार के चाचा खुमान सिँह , ऊमान सिंह , सालिक राम , मालिक राम, अपने चचेरा भाई संतोष, मन्नु, लखेश्वर, ओमप्रकाश, प्रशांत,अपने जीजा लोक बांधे जैसे सगे संबंधी शामिल हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सरकारी योजना को सचिव ने अपने परिवार की निजी योजना में तब्दील कर दिया है।

वायरल ऑडियो ने खोली पोल।

रोजगार सहायक राजेंद्र मारकंडे पर आरोप है कि उन्होंने गाँव के ही युवक प्रियकान्त खंडेलवाल को हितग्राहियों से जबरन पैसा वसूलने का गैरकानूनी काम सौंपा। ताजा खुलासा एक वायरल ऑडियो के माध्यम से हुआ है, जिसमें प्रियकान्त और हितग्राही चन्द्रशेखर घृतलहरे के बीच 25 हजार रुपये की लेन-देन की बातचीत स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती है। बातचीत से यह भी पता चलता है कि चन्द्रशेखर पहले ही 10 हजार रुपये दे चुका है और अब उससे शेष 15 हजार रुपये की मांग की जा रही है।

यह ऑडियो पंचायत में जारी रिश्वतखोरी, पक्षपात और योजनाओं के दुरुपयोग का पुख्ता प्रमाण बन चुका है। यह मामला न केवल गरीब हितग्राहियों के साथ अन्याय है, बल्कि सरकारी योजनाओं की गरिमा और पारदर्शिता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।

दोहरी प्रविष्टियों और फर्जी लाभ का भी आरोप।

एक अन्य गंभीर खुलासा यह है कि नीराबाई यादव के नाम से दो अलग-अलग गांवों – ग्राम चिखली और ग्राम कुकदा – में आवास स्वीकृत हुआ है, जो कि योजना के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। इसी प्रकार ऋषि टंडन के मां व बड़े पापा के नाम से आवास स्वीकृत कराकर रोजगार सहायक द्वारा अवैध रूप से राशि की मांग की जा रही है।

पूर्व शिकायतों पर भी नहीं हुई कार्रवाई, जांच को दबाने का आरोप।

ग्रामीण रोहित कुर्रे ने यह भी बताया कि उसने पहले भी सर्वे के नाम पर पैसे मांग करने सम्बंधित शिकायत किया था किंतु जाँच अधिकारीयों ने निष्पक्ष जाँच न करते हुए रोजगार सहायक से मिलीभगत कर मामले को दबा दिया जिससे यह प्रतीत होता है कि रोजगार सहायक को स्थानीय प्रशासनिक सरंक्षण प्राप्त है। चूंकि पंचायत प्रतिनिधि भी उन्हीं के परिवार के हैं, इसलिए ग्राम में मनमानी तरीके से योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। तमाम अनियमितताओं को लेकर ग्रामीणों ने प्रेस वार्ता के माध्यम से जिलाधिकारी महोदय, सीईओ व तहसीलदार से मांग की है कि उपरोक्त शिकायत की विधिवत जांच कराई जाए और दोषी रोजगार सहायक राजेन्द्र मारकण्डे को तत्काल पद से मुक्त किया जाए ताकि वास्तविक पात्र लाभार्थियों को सरकार की योजना का लाभ मिल सके और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे।

यह मामला न सिर्फ ग्राम कुकदा की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि पूरे सिस्टम की जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। यदि शीघ्र ही इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी जनहितकारी योजना पर आम जनता का विश्वास डगमगा सकता है।

सह संपादक

Share this content:

Leave a Comment