कृषकों को जैविक, संतुलित खेती और फसल बीमा की भी दी गई जानकारी, खरीफ 2025 के लिए दी गई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
बलौदाबाजार, 22 जुलाई 2025।
कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा योजना के अंतर्गत भाटापारा विकासखंड के चयनित ग्रामों—गुड़ेलिया, कोदवा, खपरी, धौराभाठा, चिचपोल एवं निपनिया के कृषकों को अरहर बीज मिनीकिट वितरित किए गए। साथ ही, जिला खनिज न्यास निधि के तहत 64 कृषकों को बैटरी स्प्रेयर प्रदान किया गया।
कृषकों को दी गई आधुनिक तकनीक और योजनाओं की जानकारी:
इस अवसर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को कृषि में आधुनिक तकनीकों के उपयोग, संतुलित उर्वरक प्रबंधन, तथा जैविक और प्राकृतिक खेती के लाभों की जानकारी दी गई। किसानों को बताया गया कि:
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डी.ए.पी. के स्थान पर एस.एस.पी. अथवा एन.पी.के. उर्वरक का प्रयोग अधिक संतुलित और लाभकारी है।
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नैनो यूरिया और नैनो डी.ए.पी. का प्रयोग ड्रोन के माध्यम से कम खर्च और समय में किया जा सकता है।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल बीमा कराने हेतु प्रेरित किया गया। योजना में कुल प्रीमियम का केवल 2% किसान को देना होगा, शेष सरकार वहन करेगी। बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है।
खरीफ 2025 के लिए आदान सहायता योजना की घोषणा:
किसानों को खरीफ 2025 में धान के स्थान पर अन्य फसलों की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा आदान सहायता योजना के तहत प्रति एकड़ ₹11,000 तक की सहायता दी जाएगी, बशर्ते:
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किसान एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीकृत हो
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पिछली खरीफ में धान का समर्थन मूल्य पर विक्रय किया हो
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गिरदावरी में फसल रकबा की पुष्टि हो
इसी प्रकार जो किसान खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य (कोदो, कुटकी, रागी), कपास की फसल लेंगे, उन्हें ₹10,000 प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
साथ ही, वर्ष 2025 में धान विक्रय हेतु सभी किसानों का एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य किया गया है।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति:
इस वितरण एवं जागरूकता कार्यक्रम में प्रमुख रूप से
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पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा
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जिला पंचायत सदस्य अमर मंडवी
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कृषि स्थायी समिति के सभापति संतोष साहू
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गुड़ेलिया सरपंच संकेत अग्रवाल
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वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अवधेश उपाध्याय
तथा अन्य कृषि एवं संबंधित विभागों के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में कृषकगण उपस्थित थे।
कृषकों के लिए योजनाएं बनीं संबल:
सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा योजना, फसल बीमा, जैविक खेती, और आदान सहायता योजना जैसे प्रयास ग्रामीण क्षेत्र के कृषकों को आधुनिक कृषि तकनीक से जोड़ने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में अत्यंत प्रभावशाली साबित हो रहे हैं।