आईएसबीएम विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग छात्रों का पतोरा डैम (ओडिशा) का शैक्षणिक भ्रमण सम्पन्न,
जल प्रबंधन तकनीक का किया गहन अध्ययन,

छुरा/ गरियाबंद:- व्यावहारिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने और विद्यार्थियों को वास्तविक इंजीनियरिंग प्रक्रियाओं से रूबरू कराने के उद्देश्य से आईएसबीएम विश्वविद्यालय के अभियंत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय द्वारा शुक्रवार को ओडिशा के नुआपाड़ा जिले स्थित पतोरा डैम एवं जल शोधन संयंत्र का शैक्षणिक अवलोकन-भ्रमण आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय परिसर से रवाना होने से पूर्व कुलसचिव महोदय ने हरी झंडी दिखाकर छात्रों को शुभ यात्रा के साथ प्रोत्साहित किया। वहीं छात्र कल्याण अधिष्ठाता ने भी विद्यार्थियों को सुरक्षित, सफल एवं ज्ञानवर्धक भ्रमण की शुभकामनाएँ दीं।
डैम की जल–संग्रहण एवं प्रबंधन प्रणाली का किया अवलोकन,
भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने पतोरा डैम की जल–संग्रहण व्यवस्था, जलस्तर नियंत्रण, बांध की संरचना तथा सुरक्षा तंत्र का विस्तार से अध्ययन किया।
डैम के तकनीकी विशेषज्ञों ने छात्रों को बताया कि किस प्रकार विशाल जलाशय में संग्रहित पानी को नियंत्रित चैनलों, पाइपलाइन नेटवर्क और विभिन्न गेट व्यवस्थाओं के माध्यम से आगे भेजा जाता है और यह पूरा तंत्र किस तरह मौसम, वर्षा और जलस्तर के अनुसार संचालित किया जाता है।
जल शोधन संयंत्र में सीखा पेयजल तैयार करने का वैज्ञानिक तरीका,
विद्यार्थियों को पतोरा जल शोधन संयंत्र का तकनीकी दौरा भी कराया गया, जहाँ उन्होंने कच्चे पानी को पीने योग्य बनाने की पूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया को नजदीक से देखा।
इस दौरान विशेषज्ञों ने निम्न प्रमुख चरणों की कार्यप्रणाली समझाई—
स्क्रीनिंग – बड़े अवांछित कणों की छंटाई
एरिएशन – पानी में ऑक्सीजन मिश्रण
कोएगुलेशन एवं फ्लोक्युलेशन – अशुद्धियों को एकत्रित करना
सिडिमेंटेशन – भारी कणों का नीचे बैठना
मल्टी-स्टेज फिल्ट्रेशन – महीन कणों की सफाई
क्लोरीनेशन – रोगाणु-नाशक प्रक्रिया
अधिकारियों के अनुसार यहाँ शुद्ध किया गया पानी नुआपाड़ा जिले के विभिन्न ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सिंचाई एवं पेयजल आपूर्ति विभाग, सरकार ओडिशा के माध्यम से पहुँचाया जाता है।

एल एंड टी कंस्ट्रक्शन की आधुनिक स्वचालन प्रणाली का भी अवलोकन,
भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने L&T Construction द्वारा स्थापित अत्याधुनिक स्वचालन एवं मॉनिटरिंग सिस्टम का प्रत्यक्ष अनुभव किया।
विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को बताया—
डैम गेटों के स्वचालित खुलने–बंद होने की प्रक्रिया
कंट्रोल रूम में रीयल-टाइम डाटा मॉनिटरिंग
जल–स्तर निगरानी हेतु सेंसर आधारित तकनीक
मशीनरी, पैनल सिस्टम, अलार्म सिस्टम और आपातकालीन सुरक्षात्मक उपाय
संचालन में उपयोग होने वाले डिजिटल इंटरफेस और ऑपरेटिंग कंसोल
विद्यार्थियों ने लाइव डेमो देखकर वास्तविक इंजीनियरिंग संचालन को समझा और विभिन्न तकनीकी प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
अध्यापकों के मार्गदर्शन में सफल रहा अध्ययन दौरा,
इस शैक्षणिक भ्रमण का नेतृत्व विभागाध्यक्ष श्री टेकेश्वर कौशिक ने किया, साथ में विभाग के प्राध्यापक— श्री वागेश कुम्भकार, श्री दुष्यंत यादव एवं श्री संजीव जांगड़े — ने छात्रों को डैम इंजीनियरिंग, जल संसाधन प्रबंधन, सुरक्षा प्रोटोकॉल, फील्ड ऑपरेशन और प्रैक्टिकल तकनीकों से अवगत कराया।
शिक्षकों ने प्रत्येक तकनीकी चरण का (ऑन-साइट) प्रदर्शन करते हुए विद्यार्थियों के प्रश्नों का विस्तृत समाधान किया।
विद्यार्थियों ने अनुभव को बताया प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक,
भ्रमण में शामिल विद्यार्थियों ने कहा कि यह अनुभव उनके लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक रहा, क्योंकि इससे उन्हें पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ वास्तविक इंजीनियरिंग चुनौतियों और समाधान समझने का अवसर मिला।
संकाय सदस्यों ने बताया कि ऐसे अध्ययन दौरे विद्यार्थियों को उद्योग आधारित कौशल, तकनीकी समझ और इंजीनियरिंग के व्यावहारिक दृष्टिकोण को विकसित करने में अत्यधिक सहायक होते हैं।
भविष्य में भी जारी रहेगा तकनीकी भ्रमणों का आयोजन,
आईएसबीएम विश्वविद्यालय ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के सर्वांगीण तकनीकी विकास हेतु इस प्रकार के औद्योगिक एवं तकनीकी शैक्षणिक भ्रमण आगे भी निरंतर आयोजित किए जाते रहेंगे, जिससे छात्रों को वास्तविक इंजीनियरिंग का अनुभव प्राप्त होता रहे।