
पलारी: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में बड़ी अनियमितता सामने आई है। लटेरा ग्राम पंचायत में मुड़पार निवासी अरुण साहू का नाम जानबूझकर सूची में शामिल किया गया और उसके नाम पर आवास निर्माण व भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर दी गई। ग्रामीणों का आरोप है कि इस मामले में पंचायत के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों ने पद और प्रभाव का दुरुपयोग किया।

ग्रामीणों के अनुसार, योजना के सर्वे के दौरान वास्तविक पात्रों के नाम हटा दिए गए और अरुण साहू का नाम लटेरा ग्राम की सूची में जोड़ दिया गया। इसके बाद उसी नाम पर आवास की स्वीकृति और भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर दी गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि अरुण साहू का स्थायी निवास मुड़पार गांव में है, जहां उसका राशन कार्ड, मनरेगा कार्ड, आधार कार्ड और बैंक खाता दर्ज हैं। बावजूद इसके उसे लटेरा गांव का हितग्राही दिखाकर योजना का लाभ दिलाया गया।
इस गंभीर अनियमितता के विरोध में कमल नारायण साहू, सतीश दास, घनश्याम और दिलेश्वर यादव सहित कई ग्रामीणों ने जनपद पंचायत पलारी में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में जिला पंचायत के सीईओ को भी जानकारी भेजकर निष्पक्ष जांच की मांग की गई।
ग्रामीणों ने इसे सत्ता और पद के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण बताते हुए कहा कि गरीब और जरूरतमंद लोगों के हक पर डाका डाला गया।
लोक प्रशासन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी गड़बड़ियों से योजना का मूल उद्देश्य प्रभावित होता है। यदि पात्रता सूची और भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं की गई, तो सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक नहीं पहुँच पाएगा।
स्थानीय प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद जिला प्रशासन द्वारा जांच शुरू होने की संभावना है। यदि आरोप सही पाए गए, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला पूरे क्षेत्र में सरकारी योजनाओं में हेराफेरी और भ्रष्टाचार का गंभीर उदाहरण है, और इससे लोगों में सरकार की योजनाओं पर विश्वास कमजोर होता है।
लोगों को मिलकर आगे आना होगा 🙌