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बलरामकांत साहू उर्फ “बरहा” का मामला वास्तव में “बलि का बकरा” बनने जैसा दिखता है,

महासमुंद / जिले में लगातार बढ़ रहे अवैध नशे के कारोबारियों के ऊपर अब महासमुंद पुलिस ने शिकंजा कसना चालू कर दिया।लगातार एक के बाद एक कार्यवाही का सिलसिला प्रारंभ हो चुका है। इन्हीं पुलिसिया कार्यवाही की सराहना करते हुए तुमगांव नगर पंचायत अध्यक्ष बलराम कांत साहू उर्फ बरहा ने तुमगांव नगर पंचायत में बरसो से जिस्मफरोशी का कारोबार एवं अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने विगत दिनों ज्ञापन सौंपे। ज्ञापन सौंपने लिखित शिकायत में बलराम कांत ने यदि शिकायत पश्चात पुलिस कार्यवाही नहीं करती है। उस परिस्थितियों में तुमगांव थाना का घेराव करने बाध्य रहेंगे ऐसा लेख किया गया है। साथ ही लिखित शिकायत से सोशल मीडिया को भी अवगत कराया गया। सोशल मीडिया में लिखित शिकायत के आधार पर न्यूज भी वायरल हुआ।

बता दे कि, ग्राम तुमगांव क्षेत्र के तथाकथित लोगों का कहना है कि, तुमगांव में बरसो से ही जिस्मफरोशी का धंधा संचालित हो रहा है किंतु आज दिवस तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने इन अवैध कारोबार को खत्म करने की बात नहीं की है। किंतु वर्तमान निर्दलीय नगर पंचायत अध्यक्ष बलराम कांत साहू उर्फ बरहा ने सालों से संचालित हो रहे धंधे पर अंकुश लगाने लिखित शिकायत दर्ज की गई,

बा वजूद उनके लिखित शिकायत पर पुलिस कार्यवाही नहीं करते हुए। उल्टा शिकायत कर्ता के विरुद्ध षड्यंत्र रच कर प्रकरण दर्ज कर लिया गया।

मामला कुछ इस तरह से हुआ

आज शनिवार सुबह तड़के नगर पंचायत अध्यक्ष बलरामकांत साहू को पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी की खबर फैलते ही पूरे नगर पंचायत क्षेत्र में आक्रोश फूट पड़ा। ग्रामीणों और समर्थकों ने थाने का घेराव कर दिया, बाजार की सभी दुकानें बंद करा दी गईं और मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। भीड़ ने “बलरामकांत साहू को रिहा करो” के नारे लगाए।

गौरतलब है कि, बलरामकांत साहू ने महज़ एक दिन पहले ही पुलिस को ज्ञापन सौंपकर नगर क्षेत्र में फल-फूल रहे जिस्मफरोशी के कारोबार पर रोक लगाने की मांग की थी और आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। परंतु हैरत की बात यह है कि अगले ही दिन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हीं को गिरफ्तार कर लिया।

 

पुलिस का कहना है कि, बीती रात कुछ महिलाओं ने थाने पहुंचकर बलरामकांत साहू पर छेड़छाड़ और पेट्रोल डालकर घर जला देने की धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने साहू को गिरफ्तार कर लिया।

क्या पुलिस वाकई कानून के लिए काम कर रही है या फिर अवैध कारोबारियों के लिए…?

जिस व्यक्ति ने जिस्मफरोशी जैसे काले धंधे को बंद कराने की आवाज उठाई, क्या संयोग से उसी पर छेड़छाड़ का आरोप लग जाता है?

क्या यह महज़ इत्तेफाक है या फिर अवैध धंधों को बचाने की साज़िश?

क्या पुलिस की गिरफ्तारी कार्रवाई “पेट्रोल की धमकी” पर हुई, या फिर “जिस्मफरोशी की दुकानें बंद कराने की धमकी” पर?

तुमगांव थाना क्षेत्र वर्षों से जिस्मफरोशी का गढ़ माना जाता रहा है। कई बार प्रशासन ने यहां पीटा एक्ट के तहत कार्रवाई की, यहां तक कि कुछ साल पहले इस धंधे में लिप्त महिलाओं के घर तक तोड़े गए थे। लेकिन इसके बावजूद कारोबार आज भी बदस्तूर जारी है।

क्या कहती है तुमगांव की जनता

ग्रामीणों का कहना है कि,जब जब कोई अच्छा कार्य गांव के हित में होता है तो या कोई व्यक्ति आवाज उठाता तो उनकी आवाज को दबाने का कार्य किया जाता है। वैसे ही जब से नगर पंचायत तुमगांव में बलराम कांत उर्फ बरहा ने गांव के हित में आवाज उठाने का प्रयास किया तब तब कोई न कोई बाधा के रूप में उनके ऊपर शनि जैसा प्रकोप बरसा कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने पुलिस प्रशासन को भी मजबूर कर देता है।

आखिर कब हटेगी तुमगांव की गंदगी

ऐसा नहीं है कि,शासन प्रशासन के कानों में यह बात नहीं गई होगी कि,तुमगांव में आज जो भी अवैध कारोबार संचालित हो रहे है। वो सामाज को और आने वाली पीढ़ियों को अंधकार में डुबोने का कार्य कर रही है। जब तक इन अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लगेगा तब तक कोई न कोई बेगुनाह इसकी भेट चढ़ता चला जाएगा।

बलरामकांत साहू पर निम्न धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है।

धारा 351(3) – छेड़छाड़ किसी महिला से अशोभनीय व्यवहार, छेड़छाड़, सज़ा: 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों। धारा 296 – आपराधिक धमकी किसी व्यक्ति को जान-माल की हानि पहुँचाने की धमकी देना। सज़ा: 2 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों। धारा 74 – सामान्य मारपीट, किसी को चोट पहुँचाना। सज़ा: 1 साल तक की कैद या 10,000 रुपए तक जुर्माना।

 

 

4. धारा 75(2) – गंभीर मारपीट / खतरनाक हथियार से चोट,

हथियार, आग या खतरनाक पदार्थ से चोट पहुँचाना। जिसमें 7 साल तक की सख्त कैद  जुर्मान।तुमगांव की जनता ने दिया समर्थन

निर्दलीय अध्यक्ष बलराम कांत साहू जब से तुमगांव की अध्यक्षता की बाग डोर का जिम्मा लिए है तब से तुमगांव के हित में ही अपना समर्पण दे रहे है और अच्छे लोगों के साथ ही बुरा व्यवहार ये तो आम बात हो गई। अब क्या होगा तुमगांव में अवैध कार्य करने वालों का क्या बलराम कांत को जमानत मिलने पर कोई ठोस कदम उठेंगे या फिर ऐसे ही अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद होते रहेंगे।

सह संपादक

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