Uttarakhand Heavy Rainfall: उत्तराखंड में इस बार मॉनसून ने भारी तबाही मचाई है। कई इलाकों में तेज बारिश के कारण नदियां और नाले अपने बाढ़ के स्तर से ऊपर बह रहे हैं। कई जगहों पर बादल फटने की घटना ने लोगों की जिंदगी खतरे में डाल दी है। मौसम विभाग ने आज रेड अलर्ट जारी किया है और लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक घरों से बाहर न निकलें। चमोली में भानेर पानी और कामेड़ा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग भी भारी बारिश के कारण बंद हो गया है।
देहरादून में 74 साल का रिकॉर्ड टूटा
राजधानी देहरादून में सोमवार को 74 वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया। पिछले 24 घंटों में यहां 200 मिमी बारिश दर्ज की गई है। दून घाटी ने 1951 के बाद इतनी तेज बारिश देखी है। मलदेवता क्षेत्र में बादल फटने के कारण आई बाढ़ ने सब कुछ अपने साथ बहा दिया। नदी के किनारे बने पांच दुकानें पानी में बह गईं और लोग कुछ कर नहीं पाए। रायपुर के आसपास कई पशु भी इस बाढ़ में बह गए, जिससे स्थानीय लोगों में भारी चिंता व्याप्त है।
टपकेश्वर महादेव मंदिर डूबा, लोग फंसे
देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास तंसा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। तेज बहाव और पानी की आवाज सुनकर लोगों को डर लगा हुआ है। मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो चुका है और आसपास के लोग या तो अपने घरों में बंद हैं या सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। मौसम विभाग की चेतावनी आज भी जारी है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की जा रही है।
हल्द्वानी में जलभराव और प्रशासन की सतर्कता
हल्द्वानी में भी भारी बारिश का असर साफ दिखाई दे रहा है। कई इलाकों में जलभराव की समस्या हो गई है। जंगल पोस्ट के बाहर से निकलने वाला नाला भी उफान पर है, जिससे आसपास के घरों में पानी घुस गया है। नगर निगम और प्रशासन सतर्क मोड में हैं, लेकिन राज्य में जारी रेड अलर्ट के कारण समस्या बनी हुई है।
केदारनाथ यात्रा तीन दिन के लिए बंद
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर केदारनाथ यात्रा 14 अगस्त तक रोक दी है। जिला मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने बताया कि देहरादून के मौसम केंद्र ने 12, 13 और 14 अगस्त को पूरे राज्य में भारी बारिश का पूर्वानुमान दिया है। इसलिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यात्रा को अस्थायी रूप से रोकना आवश्यक था।