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प्राकृतिक सौंदर्य के साथ विकास की राह पर सिद्धखोल जलप्रपात I

प्राकृतिक सौंदर्य के साथ विकास की राह पर सिद्धखोल जलप्रपात I

रिपोर्टर टेकराम कोसले

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बलौदाबाजार, 10 जुलाई 2025/
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में स्थित सिद्धखोल जलप्रपात को अब इको-टूरिज्म (हरित पर्यटन) के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है और जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है। जिले के वनमण्डलाधिकारी श्री गणवीर धम्मशील के नेतृत्व में इसे संरक्षित व सुव्यवस्थित रूप से पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के ठोस प्रयास शुरू हो चुके हैं।

निरीक्षण एवं कार्ययोजना निर्माण

वनमंडलाधिकारी श्री धम्मशील ने हाल ही में जलप्रपात क्षेत्र का निरीक्षण किया तथा परिक्षेत्र अधिकारी सोनाखान श्री सुनीत साहू को निर्देश दिए कि वे एक विस्तृत कार्ययोजना बनाएं। इस कार्ययोजना में जलप्रपात तक पहुंचने वाले रास्तों की मरम्मत, संकेतक बोर्ड लगाना, बैठने की व्यवस्था, शौचालय, प्राथमिक उपचार सुविधा और सुरक्षा जैसे बुनियादी तत्व शामिल होंगे।

इको-फ्रेंडली प्लास्टिक प्रबंधन की शुरुआत

सिद्धखोल जलप्रपात में प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नई प्रणाली शुरू की गई है।

जब कोई पर्यटक प्लास्टिक बोतल लेकर वहां पहुंचेगा, तो जांच चौकी पर उनसे एक निर्धारित शुल्क लिया जाएगा।

इस शुल्क के साथ बोतल पर एक विशेष स्टीकर युक्त प्लास्टिक पॉलिथीन लगाई जाएगी।

वापसी में जब पर्यटक वह बोतल और स्टीकर वापस करेगा, तब उसका शुल्क लौटा दिया जाएगा।

यह उपाय न केवल क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाएगा, बल्कि पर्यटकों में पर्यावरण संरक्षण की चेतना भी बढ़ाएगा।

स्थानीय समिति की भागीदारी से मिलेगा रोजगार

वन विभाग ने सिद्धखोल जलप्रपात के संचालन हेतु वन प्रबंधन समिति कुकरीकोना को शामिल किया है। इस भागीदारी से वहां के बेरोजगार युवाओं और ग्रामीणों को विभिन्न कार्यों में रोजगार प्राप्त होगा, जैसे कि:

गाइड सेवाएं

पार्किंग प्रबंधन

स्वच्छता और सुरक्षा

कैंटीन और खानपान सेवाएं

महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका

जलप्रपात क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जा रहा है। उनके माध्यम से:

कैंटीन एवं जलपान केंद्र का संचालन

टिकट वितरण व्यवस्था

स्थानीय उत्पादों की बिक्री आदि कार्यों की योजना बनाई गई है।

इससे ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।

मुख्य बिंदु एक नजर में:

क्र. विशेष पहल विवरण

1. इको टूरिज्म प्राकृतिक संरक्षण के साथ पर्यटन
2. प्लास्टिक प्रबंधन शुल्क-वापसी प्रणाली के माध्यम से कचरा नियंत्रण
3. रोजगार सृजन वन समिति व स्थानीय युवाओं को जिम्मेदारी
4. महिला भागीदारी कैंटीन व टिकट व्यवस्था संचालन
5. स्थायी विकास पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज में संतुलन

यह संपूर्ण प्रयास एक हरित, स्वच्छ, सुरक्षित और सहभागी पर्यटन स्थल के निर्माण की दिशा में एक प्रेरणादायक मॉडल के रूप में सामने आ रहा है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण का सुंदर समन्वय है।

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