वरिष्ठ लेखक डॉ.ऋषिकेश कांबले का व्याख्यान डॉ.बाबासाहेब अंबेडकर मध्यवर्ती जयंती उत्सव मंडल द्वारा आयोजित किया गया। प्रोफेसर किरण सागर इस व्याख्यान के अध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे। मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. मिलिंद वाघमारे और प्रोफेसर डॉ. महेश मोटे थे। डॉ. कांबले ने डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के सामाजिक और राजनीतिक जीवन की यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला। 1920 से डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने सही मायने में सामाजिक और राजकीय जीवन में प्रवेश किया और उन्होंने ब्रिटिश काल के दौरान अपने मंत्री पदों पर काम किया इसपर प्रकाश डालते हुए अपने विचार सभी के सामने रखे। उन्होंने डॉ. बाबासाहेब और गांधीजी के बीच पुणे समझौते और राजर्षि शाहू महाराजा के साथ अपने संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किये।
जब प्रो. डॉ. महेश मोटे अपने विचार व्यक्त कर रहे थे, तब डॉ. बाबासाहेब ने भारतीय संविधान के माध्यम से मतदान और अन्य अधिकारों पर अपने विचार व्यक्त किए। बैठक का समापन करते हुए अध्यक्ष ने बाबासाहेब और ओबीसी पर डॉ. कांबले के विचारों की आवश्यकता पर अपनी राय व्यक्त की।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मंडळ के सह सचिव गौतम गायकवाड़, उपाध्यक्ष आशीष नायकवाड़े, प्रणित गायकवाड, राहुल गायकवाड, महेंद्र गायकवाड, धर्मराज बनसोडे आदि ने सहयोग दिया.
कार्यक्रम का संचालन संतोष कांबले ने किया, प्रास्ताविक एवं परिचय प्रशांत गायकवाड़ ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रा. महेश कांबले ने दिया।
