बलौदाबाजार। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कर्मचारियों की एक सूत्रीय मांग — पांच वर्षों से लंबित वार्षिक वेतन वृद्धि — को लेकर चल रहा आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। रायपुर सहकारी बैंक के अंतर्गत आने वाले 06 जिलों की 73 शाखाओं के लगभग 700 कर्मचारी 29 अक्टूबर से क्रमबद्ध हड़ताल पर हैं। आज 3 नवम्बर 2025 को इस हड़ताल का दूसरा चरण प्रारंभ हुआ, जिसमें सभी शाखाओं के कर्मचारियों ने सुबह 10.30 से 11.30 बजे तक शाखाओं के बाहर एक घंटे तक नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।
हड़ताल के दौरान किसानों और खाताधारकों ने भी कर्मचारियों का नैतिक समर्थन किया, जिससे आंदोलन को और बल मिला। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोहनलाल साहू, याचिकाकर्ता देवेंद्र पांडे, विधान तिवारी, युवराज दुबे, अविनाश शर्मा, मनोज दिवाकर सहित संघ के अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए सरकार के रवैए पर नाराज़गी जताई।
संघ का कहना है कि वार्षिक वेतन वृद्धि को लेकर हाईकोर्ट ने पहले ही स्पष्ट आदेश दिया है, फिर भी सहकारिता विभाग इस निर्णय को लागू करने में टालमटोल कर रहा है। कर्मचारियों का तर्क है कि वेतन वृद्धि से शासन के खजाने पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह वृद्धि बैंक के अर्जित लाभ से दी जानी है। बावजूद इसके, उन्हें इस लाभ से वंचित रखा जा रहा है।
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो आगामी दिनों में आंदोलन और उग्र रूप लेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया — धान खरीदी भुगतान व्यवस्था — इन बैंकों के माध्यम से होती है। ऐसे में यदि 73 शाखाओं के कर्मचारी हड़ताल पर बने रहे, तो शासन की छवि पर नकारात्मक असर पड़ेगा और किसानों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
संघ के मीडिया प्रभारी फत्तेसेन ने बताया कि कर्मचारी संघ को सामाजिक और राजनीतिक जनप्रतिनिधियों से लगातार समर्थन मिल रहा है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा, “यदि पांच वर्षों से लंबित वेतन वृद्धि शीघ्र नहीं दी गई, तो बैंक कर्मचारियों के परिवार आर्थिक संकट में घिर जाएंगे, जिससे कर्मचारियों में गहरी निराशा फैल जाएगी। सरकार को तत्काल ठोस कदम उठाते हुए वेतन वृद्धि लागू करनी चाहिए।”
हड़ताल के इस दूसरे चरण से स्पष्ट है कि बैंक कर्मचारियों का आक्रोश अब बढ़ता जा रहा है और यदि मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन राज्य स्तर पर बड़ा रूप ले सकता है।