खरोरा-: हरितालिका व्रत के बाद सुहागिनों द्वारा पति की लंबी उम्र के लिए रखे जाने वाला करवा चौथ व्रत रविवार को पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही सुहागिनों के चेहरे पर व्रत की चमक और सजने-संवरने की रौनक देखने को मिली। दिनभर निर्जला उपवास रखकर शाम को चांद निकलने का इंतजार करती महिलाओं ने चंद्रमा का अर्घ्य देकर पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत पूर्ण किया।
करवा चौथ पर्व को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक दिनभर उत्सव जैसा माहौल रहा। महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर छलनी के ओट से चांद का दीदार करते हुए पति की दीर्घायु की कामना की। इस अवसर पर नवविवाहिताओं में विशेष उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही मंदिरों में पूजा-अर्चना और कथा श्रवण के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।
पर्व की तैयारियों को लेकर बाजारों में दिनभर रौनक रही। मेंहदी, ब्यूटी पार्लर, साड़ी, आभूषण और पूजा सामग्री की दुकानों में भीड़ देखी गई। महिलाओं ने अपने हाथों में पिया के नाम की मेंहदी रचाई और शाम होते ही दुल्हन की तरह सोलह श्रृंगार से सजीं।
रात में जैसे ही चांद निकला, छतों और आंगनों से “चांद निकल आया” की पुकार गूंज उठी। सुहागिनों ने छलनी से पहले चांद और फिर अपने पति की छवि निहारकर चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित किया। इसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोला। कई स्थानों पर महिलाओं ने मंदिरों में सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना की और कथा श्रवण किया।
पर्व के अवसर पर महिलाओं ने भगवान शिव-पार्वती, भगवान गणेश व स्वामी कार्तिकेय की पूजा कर परिवार की सुख-समृद्धि, संतान सुख और पति की लंबी आयु की प्रार्थना की। पूरे दिन निर्जला रहने के बावजूद उनके चेहरे पर सजने-संवरने की खुशी और आस्था की चमक साफ झलक रही थी।
चांद के दर्शन के बाद महिलाओं ने पटाखे फोड़कर अपनी खुशी का इजहार किया। सोशल मीडिया पर भी करवाचौथ का उल्लास छाया रहा। शहर से लेकर गांवों तक करवा चौथ का यह पर्व प्रेम, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक बनकर मनाया गया।
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