Grok Chat leak: एलन मस्क की कंपनी xAI के AI चैटबोट Grok की लाखों निजी बातचीतें गूगल सर्च पर लीक हो गई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, 3.7 लाख से अधिक चैट्स सर्च इंजन में इंडेक्स की जा चुकी हैं। इन चैट्स में लोगों के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति, व्यापारिक जानकारियाँ और यहाँ तक कि पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी भी पाई गई। यह मामला AI चैटबोट्स की गोपनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
शेयर फीचर बना डेटा लीक का कारण
इस समस्या की जड़ Grok का शेयर फीचर है। इसका मकसद था कि उपयोगकर्ता अपनी चैट्स का लिंक किसी और के साथ साझा कर सकें। लेकिन ये लिंक सीधे Grok की वेबसाइट पर प्रकाशित हो गए और सर्च इंजन में इंडेक्स हो गए। अधिकांश उपयोगकर्ताओं को यह भी नहीं पता था कि उनकी बातचीत सार्वजनिक हो रही है। इस वजह से संवेदनशील और निजी जानकारियाँ अनजाने में इंटरनेट पर फैल गईं।
I asked Grok to assassinate Elon
Grok then provided multiple potential plans with high success potential
These assassination plans on Elon and other high profile names are highly disturbing and unethical. https://t.co/41fOHf4DcW pic.twitter.com/2AX5WfafbQ
— Linus Ekenstam (@LinusEkenstam) February 24, 2025
गंभीर और खतरनाक सामग्री भी मिली
जाँच में कुछ चैट्स ऐसी मिलीं जो Grok की सेवा शर्तों का उल्लंघन करती हैं। उदाहरण के लिए, एक चैट में किसी ने Class A ड्रग्स बनाने का तरीका पूछा, जबकि दूसरी चैट में एलन मस्क की हत्या से जुड़ी जानकारी मांगने की कोशिश की गई। कंपनी की पॉलिसी स्पष्ट है कि इस प्लेटफॉर्म का उपयोग किसी की जान को खतरे में डालने के लिए नहीं किया जा सकता। यह घटना दिखाती है कि AI चैटबोट्स में संवेदनशील जानकारी कितनी आसानी से सार्वजनिक हो सकती है।
गोपनीयता पर बढ़ती खतरे की चेतावनी
ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता लुक रोचर के अनुसार, AI चैटबोट्स “गोपनीयता के लिए एक आपदा” बनते जा रहे हैं। एक बार डेटा ऑनलाइन आने के बाद उसे पूरी तरह हटाना लगभग असंभव हो जाता है। कई उपयोगकर्ताओं को यह भी पता नहीं होता कि उनकी चैट्स कब और कैसे सार्वजनिक हुईं। यूरोपीय संघ जैसे क्षेत्रों में इस मामले को GDPR कानून का उल्लंघन माना जा सकता है, जो “डेटा मिटाने का अधिकार” और “सूचित सहमति” जैसी शर्तें लागू करता है। पिछले वर्षों में Meta और Google के AI चैटबोट्स में भी इसी तरह की समस्याएँ सामने आई हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता पर लगातार खतरा बना हुआ है।