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अतिजर्जर आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने को मजबूर बचपन

जिला ब्यूरो चीफ महासमुंद/परमेश्वर सोनवानी

अत्यंत जर्जर स्थिति को बयां करता आंगन – बाड़ी

कहीं दीवार गिर रहे हैं तो कहीं किसी भी कोने की छत गिर रहे है। आखिर भगवान भरोसे कब तक चलेगा आंगनबाड़ी?

टपकते छत के नीचे बैठने मजबूर बच्चे।

झलमला,नर्रा ।। अत्यंत भयविहीन महासमुंद जिला के अन्तर्गत बागबाहरा ब्लॉक के कोमाखान थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम पंचायत राटापाली के आश्रित ग्राम झलमला के आंगनबाड़ी केंद्र में भरे बारिश में टपकते छत के नीचे बच्चे बैठने को मजबूर है। पिछले न जाने कितने सालों से मरम्मत कार्य हो रहा है लेकिन स्थिति ऐसी है पिछले दो दिनों की मूसलाधार  बारिश के चलते छत गिरने लगी है।अब तो डर ये है कि कहीं अनहोनी न हो पूरी की पूरी छत न गिर पड़े। ग्रामीणों द्वारा अपने बच्चे को आंगनबाड़ी नही भेजने की बात कर रहे है।हमने जब मौके पर जाकर जानना चाहा तो बच्चे टपकते छत के मजबूर बैठे पढ़ रहे थे। छत से पानी टपक रहा था। कही पर सीमेंट की परते उखड़ कर गिर रहे है तो कही पूरी छड़ दिखाई दे रही है।

साल भर नही टिक पाया शौचालय बना सांप बिच्छू का अड्डा।

पूर्व सरपंच प्रतिनिधियों के कार्यकाल में निर्मित आंगनबाड़ी के शौचालय बिना कोई सहारे का बना दिया गया है जो अब ध्वस्त हो चुका है तथा सांप बिच्छू का अड्डा बन गया है। रसोई की भी हालत गंभीर है बागबाहरा से जांच में आए अधिकारी द्वारा 2 मिनट न ठहरकर अपनी मनमानी करते हुए सही बताकर चला गया बिना किसी पंचायत प्रतिनिधि के समक्ष पंचनामा किए बगैर वापस प्रस्थान कर गये। इससे पता चलता है। विभाग की कार्यप्रणाली कितनी सुस्त तथा अपनी मनमानी कर रही है तथा मानो अपनी गलतियां छुपाने के चक्कर में कोई अप्रिय घटना का इंतेजार कर रहे हो। वर्तमान नव निर्वाचित सरपंच द्वारा प्रस्ताव बनाकर एवम लिखित आवेदन देकर नए आंगनबाड़ी भवन के लिए मांग हेतु आवेदन भी जमा कराया गया है। जिसकी पुष्टि शासन प्रशासन द्वारा अभी तक नही हो पाया है।

बरसात में गिरता छत अनहोनी का संकेत देता हुआ।

यदि इसी तरह से जर्जर आंगनबाड़ी में बच्चों को पढ़ने भेजा गया और कुछ अप्रिय घटना होती है तो उसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी – पालकगण

स्वतंत्र पत्रकार

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