बार काउंसिल ऑफ इंडिया का बड़ा फैसला — अब CoP के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा

नई दिल्ली -: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने एक ऐतिहासिक और जनहितकारी निर्णय लेते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि अब Certificate of Practice (CoP) के लिए किसी भी अधिवक्ता से अलग या अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।

यह निर्णय BCI के महासचिव श्री श्रीमंतो सेन द्वारा जारी आदेश में घोषित किया गया है। आदेश में कहा गया है कि All India Bar Examination (AIBE) के पंजीकरण के समय जो शुल्क उम्मीदवारों से लिया जाता है, वही CoP शुल्क को भी कवर करेगा।

अब परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद किसी भी राज्य बार काउंसिल को CoP के नाम पर अलग से कोई राशि जमा नहीं करनी होगी।

AIBE शुल्क में ही CoP शुल्क शामिल

BCI ने स्पष्ट किया है कि AIBE रजिस्ट्रेशन के दौरान जो फीस जमा की जाती है, उसमें CoP के लिए आवश्यक शुल्क भी समाहित है। यह निर्णय देशभर के अधिवक्ताओं के लिए एकरूपता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है।

राज्य बार काउंसिलों को दिए गए स्पष्ट निर्देश बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सभी राज्य बार काउंसिलों को निर्देशित किया है कि वे CoP के नाम पर किसी भी अधिवक्ता से अलग से कोई अतिरिक्त शुल्क न लें।

यदि किसी भी राज्य बार काउंसिल द्वारा ऐसा किया जाता है, तो इसे अवैध व नियमविरुद्ध माना जाएगा और तत्काल प्रभाव से रोका जाएगा।

BCI स्वयं करेगी वित्तीय प्रावधान

CoP के वितरण से संबंधित खर्चों को वहन करने के लिए,बार काउंसिल ऑफ इंडिया प्रत्येक उम्मीदवार के लिए राज्य बार काउंसिलों को राशि उपलब्ध कराएगी

₹700 प्रति उम्मीदवार (सामान्य व ओबीसी वर्ग हेतु)

₹500 प्रति उम्मीदवार (अनुसूचित जाति, जनजाति एवं दिव्यांग वर्ग हेतु)

इस राशि से प्रमाणपत्र छपाई, वितरण और प्रशासनिक कार्यों से जुड़ा पूरा व्यय पूरा किया जाएगा।

CoP प्रमाणपत्र BCI द्वारा ही जारी होंगे

BCI ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अब सभी Certificate of Practice (CoP) सीधे बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा ही मुद्रित एवं सत्यापित किए जाएंगे। इन प्रमाणपत्रों को तैयार कर संबंधित राज्य बार काउंसिलों को भेजा जाएगा, ताकि वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी एवं केंद्रीकृत रहे।

स्पष्ट चेतावनी और पारदर्शिता पर जोर

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि CoP के नाम पर किसी भी स्तर पर अतिरिक्त शुल्क वसूलना कानूनी उल्लंघन माना जाएगा। ऐसी किसी भी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

BCI ने यह कदम अधिवक्ताओं की सुविधा और कानूनी शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से उठाया है।

देशभर के अधिवक्ताओं में हर्ष, निर्णय का स्वागत

इस निर्णय से देश के हजारों नव-प्रवेशित अधिवक्ताओं को राहत मिलेगी, जो AIBE परीक्षा पास करने के बाद अलग-अलग राज्यों में CoP के लिए अतिरिक्त शुल्क जमा करने को विवश होते थे। अब उन्हें केवल एक ही बार — AIBE पंजीकरण के समय — शुल्क जमा करना होगा।

अधिवक्ता समुदाय ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे “अधिवक्ता हित में ऐतिहासिक निर्णय” बताया है।

कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा कि यह कदम युवा वकीलों को आर्थिक रूप से राहत देने के साथ-साथ पूरे देश में एकसमान व्यवस्था लागू करेगा।

BCI के निर्णय का उद्देश्य

बार काउंसिल ऑफ इंडिया का उद्देश्य देशभर के वकीलों के बीच प्रशासनिक सरलता, एकरूपता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। इससे न केवल अधिवक्ताओं का आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि राज्य बार काउंसिलों पर अनावश्यक शुल्क वसूलने की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी।

सह संपादक

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