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कियोस्क बैंक ठगी का बड़ा मामला उजागर – पिता-पुत्र गिरफ्तार

बिलाईगढ़/बलौदाबाजार ग्राम पवनी निवासी पूरनलाल वैष्णव ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि उसके पिता आनंद राम वैष्णव (शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी, वर्ष 1992 में रिटायर) की पेंशन राशि पर गांव के ही कियोस्क बैंक संचालक इमरान खान ने वर्षों तक धोखाधड़ी की है।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

वर्ष 2013 से आनंद राम वैष्णव अपनी पेंशन राशि निकालने कियोस्क बैंक जाया करते थे।

2016 में शारीरिक रूप से कमजोर हो जाने पर वे रकम निकालने घर पर ही बायोमेट्रिक सिस्टम से लेन-देन करते थे।

इसी दौरान आरोपी इमरान खान ने बिना सहमति के S.I. सिस्टम (स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन) एक्टिवेट कर दिया।

इसके जरिए हर माह पेंशन का हिस्सा अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लगातार रकम हड़पता रहा।

खुलासा कैसे हुआ?

वर्ष 2024 में जब पूरनलाल वैष्णव ने पिता के खाते की जांच कराई तो उसमें केवल ₹80 बैलेंस निकला।

स्टेट बैंक से स्टेटमेंट निकलवाने पर सामने आया कि वर्ष 2016 से 2024 तक आरोपी ने लगभग ₹35 लाख रुपए ट्रांसफर कर ठगी की है।

अन्य परिजनों से भी ठगी

आरोपी ने पूरनलाल के भाई परेश्वर वैष्णव और उसकी पत्नी हेमलता वैष्णव के खातों से भी लगभग ₹15 लाख रुपए की ठगी की।

कुल मिलाकर आरोपी ने करीब ₹43 लाख रुपए का गबन किया।

पुलिस की कार्रवाई

मामले की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी इमरान खान और उसके पिता इब्राहिम खान के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादंवि के तहत अपराध दर्ज कर लिया।

साइबर टीम की मदद से आरोपी इब्राहिम खान को बलौदाबाजार से गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में आरोपी ने रकम को शादी-विवाह, मेडिकल दुकान, ट्रेडिंग और निजी खर्चों में लगाने की बात कबूल की।

 

आरोपियों के कब्जे से कंप्यूटर सिस्टम, बायोमेट्रिक सिस्टम, फर्जी सील, पासबुक और दो एंड्रॉयड मोबाइल जब्त किए गए।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया है।

प्रशासन की अपील

पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी प्रकार का लेन-देन स्वयं करें, और यदि किसी कारणवश प्रतिनिधि के माध्यम से करना पड़े तो हमेशा बैंक की आधिकारिक प्रक्रिया और सतर्कता बरतें।

सह संपादक

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