Kishtwar cloudburst: जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के छासोती गांव में बादल फटने की घटना के बाद आज चौथा दिन है। अब तक 50 से ज़्यादा शव मलबे से निकाले जा चुके हैं जबकि 70 से 80 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। गांव के लोग अपने परिजनों की तलाश में बेसब्री से बैठे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और पुलिस की कई टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
गांववालों का गुस्सा फूटा मुख्यमंत्री पर
हालात से परेशान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर नाराज़गी जताई। छासोती पहुंचे मुख्यमंत्री को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों का कहना था कि राहत और बचाव कार्य बेहद धीमी गति से हो रहा है। एक ग्रामीण ने गुस्से में कहा कि हमें कुछ नहीं चाहिए, बस हमारे मृतकों के शव हमें सौंप दीजिए।
सीएम उमर ने दी सफाई
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लोगों से कहा कि उनका गुस्सा जायज़ है क्योंकि वे अपने परिजनों की ख़बरों का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को निकालने की है। अगर कोई जीवित नहीं मिलता तो कम से कम शव निकालकर परिजनों को सौंपना ही सबसे बड़ा काम होगा।
राहत कार्य पर सवाल
गांववालों का कहना है कि राहत और बचाव कार्य की रफ्तार बेहद धीमी है और इस कारण कई लोगों की उम्मीदें टूट रही हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि सैकड़ों लोग मलबे और बड़े पत्थरों के नीचे दबे हो सकते हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि अब तक करीब 500 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और ऑपरेशन पूरी ताक़त से जारी है।
मौत का आंकड़ा बढ़ा, परिवारों की चिंता गहरी
14 अगस्त को दोपहर 12.25 बजे बादल फटने की यह घटना हुई थी। अब तक मौत का आंकड़ा 60 तक पहुंच गया है जबकि 70 से 80 लोग अब भी लापता हैं। परिवारों का कहना है कि अगर उनके प्रियजन अब ज़िंदा नहीं हैं तो उनके शव जल्द से जल्द दिए जाएं ताकि अंतिम संस्कार हो सके। सीएम उमर ने भरोसा दिलाया कि हर संभव कोशिश की जा रही है।