सरजू प्रसाद साहू कसडोल।
बिलासपुर -: पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज IPS एवं एसएसपी IPS के नेतृत्व में एन.डी.पी.एस. प्रकरणों की विवेचना पर प्रशिक्षण कार्यशाला.
2. प्रशिक्षणार्थी:
– 89 पुलिस अधिकारी (उप पुलिस अधीक्षक से सहायक उप निरीक्षक तक) ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
– शामिल अधिकारी: 10 राजपत्रित, 19 निरीक्षक, 23 उप निरीक्षक, 37 सहायक उप निरीक्षक।
3. विशेषज्ञ प्रशिक्षक:
– माखनलाल पाण्डेय, संयुक्त संचालक (अभियोजन), बिलासपुर।
– सूर्यकांत शर्मा, विशेष लोक अभियोजक (एन.डी.पी.एस.), बिलासपुर।
– अधिवक्ता विभाकर सिंह और शैलेन्द्र दुबे, उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़।
– निमितेश सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक, सिविल लाइन, बिलासपुर।
– चंद्रकांत साहू, निरीक्षक, जिला धमतरी।
– अवधेश सिंह, उप निरीक्षक, जिला बिलासपुर।
4. प्रमुख बिंदु:
– संजीव शुक्ला: नशा युवा पीढ़ी के लिए खतरा, पुलिस द्वारा एन.डी.पी.एस. एक्ट के प्रावधानों का पालन कर अपराधियों को सजा दिलाकर नशे पर अंकुश लगाना संभव।
– रजनेश सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर: धारा 42, 43, 50 का पालन, जप्ती में सावधानी, और एफ.एस.एल. सैम्पलिंग पर ध्यान देना आवश्यक।
– माखनलाल पाण्डेय और सूर्यकांत शर्मा: धारा 50, 52 के प्रावधानों का पालन, दोषमुक्ति के कारण (जैसे सील की कमी, दस्तावेजों में काट-छांट, महिला तलाशी में त्रुटि) और सुधार के उपाय।
– अधिवक्ता विभाकर सिंह और शैलेन्द्र दुबे: धारा 42, 50, 57 का पालन, मालखाना रजिस्टर में इंद्राज, मुखबीर सूचना की पावती, और साक्ष्य सूची में आरक्षक का उल्लेख।
– निमितेश सिंह: End-to-End विवेचना, फाइनेंशियल इन्वेस्टीगेशन, और नशे से अर्जित संपत्ति को सफेमा कोर्ट के माध्यम से राजसात करने की प्रक्रिया।
– चंद्रकांत साहू और अवधेश सिंह: सफल विवेचना के अनुभव साझा किए, जैसे मुखबीर पंचनामा, धारा 50, 91 की नोटिस, वीडियोग्राफी, और न्यायिक मजिस्ट्रेट से सैम्पलिंग।
5. विवेचना में त्रुटियों के कारण:
– राजपत्रित अधिकारी की सील/पावती की कमी।
– स्वामित्व/कब्जे के दस्तावेजों का अभाव।
– दस्तावेजों में काट-छांट।
– महिला तलाशी में प्रक्रिया का पालन न करना।