रांची के ईंट भट्ठे से छुड़ाए गए छत्तीसगढ़ के बंधुआ मजदूर, सामाजिक कार्यकर्ता अनिता घृतलहरें की पहल से मिली आज़ादी

रिपोर्टर टेकराम कोसले

Masb news

अड़भार (शक्ति)।
छत्तीसगढ़ के शक्ति जिले के कुनकुरी, कोटमी और अड़भार गांवों से गए सात मजदूरों को झारखंड के रांची स्थित मैक्लुस्किगंज ईंट भट्ठे से बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया गया। इन मजदूरों को वहां मालिक द्वारा न तो मजदूरी दी जा रही थी, न ही भोजन और इलाज की उचित व्यवस्था थी।

मजदूरों को झेलनी पड़ी भुखमरी और मारपीट

जानकारी के अनुसार, मजदूर कैलाश प्रसाद के ईंट भट्ठे में काम करने के लिए रांची हटिया क्षेत्र पहुंचे थे। कुछ दिनों बाद ही मजदूरी न मिलने और खाने-पीने की परेशानी बढ़ने लगी। मालिक ने बीमार मजदूरों का इलाज तक नहीं करवाया।
इसी बीच, मजदूर अंगुल धीरहे किसी तरह वहां से निकलकर वापस अपने गांव अड़भार पहुंचे। भट्ठे मालिक ने उनके भागने के बाद बाकी मजदूरों के साथ मारपीट की और उन्हें धमकाया।

अनिता घृतलहरें ने उठाई मदद की पहल

अंगुल धीरहे ने अपने परिवार और अन्य मजदूरों को छुड़वाने के लिए डभरा की सामाजिक कार्यकर्ता अनिता घृतलहरें से संपर्क किया। मजदूरों की दुर्दशा जानने के बाद अनिता घृतलहरें ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दिल्ली के पीस डायरेक्टर जितेंद्र चाहर, झारखंड की आनंद डाटा और प्रवासी मजदूर एंड चाइल्ड राइट डायरेक्टर बैजनाथ से संपर्क किया।
सभी के संयुक्त प्रयास से मजदूरों को रांची के मैक्लुस्किगंज से सकुशल छुड़वाया गया और उनके गांव भेज दिया गया।

बंधुआ मजदूरों की सूची

1. रामदयाल डहरिया पिता त्रिलोचन (50 वर्ष) – ग्राम कोटमी

2. सरिता डहरिया पिता रामदयाल (40 वर्ष) – ग्राम कोटमी

3. टीकाराम नौरंग पिता सारकांडे (36 वर्ष) – ग्राम कुनकुरी

4. फिरित बाई नौरंग पति टीकाराम (34 वर्ष) – ग्राम कुनकुरी

5. अंगुल धीरहे पिता जगदास (45 वर्ष) – ग्राम अड़भार

6. उर्मिला बाई धीरहे पति अंगुल धीरहे (40 वर्ष) – ग्राम अड़भार

7. साहिल धीरहे पिता अंगुल धीरहे (21 वर्ष) – ग्राम अड़भार

 

धन्यवाद ज्ञापन और सहयोग

छुटकारा पाकर गांव लौटे सभी मजदूरों ने सामाजिक कार्यकर्ता अनिता घृतलहरें का आभार व्यक्त किया।
इस अभियान में सतनामी समाज जिला मीडिया प्रभारी अमीलाल घृतलहरे और पुलिस मित्र संगठन के जिला सचिव ईश्वर टंडन का भी विशेष सहयोग रहा।

सह संपादक

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