कोरबा -: छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में गेवरा क्षेत्र से प्रभावित गांवों के भू-विस्थापित रोजगार, बसावट और मुआवजा की मांग को लेकर एसईसीएल की गेवरा खदान में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस और सीआईएसएफ बल मौजूद थे। आंदोलन पूरी तरह शांति से चल रहा था और एसईसीएल के अधिकारी वार्ता के लिए बुला रहे थे, तभी सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए लाठीचार्ज का आदेश दे दिया।
लाठीचार्ज में जिला सचिव दीपक साहू, रमेश दास, बिमल दास और गुलाब सहित कई लोगों को गंभीर चोटें आईं। इसके बाद घायल भू-विस्थापितों को जबरन थाने ले जाया गया। घटना से आक्रोशित ग्रामीण बड़ी संख्या में दीपका थाना पहुंचे और लाठीचार्ज करने वाले सीआईएसएफ अधिकारियों पर अपराध दर्ज करने की मांग की। थाना प्रभारी प्रेमचंद साहू ने पीड़ितों का मुलायजा करवाकर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा कि भू-विस्थापितों की समस्याओं का समाधान किए बिना खदान विस्तार नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि “एसईसीएल प्रबंधन और तानाशाही रवैया अपनाने वाले अधिकारियों के इशारे पर सीआईएसएफ ने जो लाठीचार्ज किया है, उसका जवाब अब और तेज़ आंदोलन से दिया जाएगा।”
झा ने चेतावनी दी कि एसईसीएल को प्रत्येक छोटे खातेदार भू-विस्थापित को नियमित रोजगार देना होगा, मुआवजा में की जा रही कटौती बंद करनी होगी और पुनर्वास की सुविधाएं तत्काल दी जानी चाहिएं। किसान सभा ने इस शांतिपूर्ण आंदोलन पर हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है।
किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू ने कहा कि गेवरा क्षेत्र के प्रभावित परिवार रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा की न्यायसंगत मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन सीआईएसएफ ने जबरन लाठीचार्ज कर स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया। भू-विस्थापितों का कहना है कि “लाठीचार्ज और बंदूक की नोक पर खदान विस्तार नहीं होगा, पहले हमारी समस्याओं का समाधान किया जाए।”
किसान सभा ने बताया कि पूर्व में अधिग्रहित ग्रामों के रोजगार, मुआवजा और बसावट के मामले अभी भी लंबित हैं, जबकि नए क्षेत्रों में खदान विस्तार तेजी से किया जा रहा है। कुछ दिन पूर्व भी कटघोरा एसडीएम और गेवरा जीएम द्वारा बल प्रयोग कर जबरन विस्तार का प्रयास किया गया था, जिसका किसानों ने विरोध किया था।
किसान सभा ने कहा कि एसईसीएल से प्रभावित सभी छोटे-बड़े खातेदारों को स्थायी नौकरी, बसावट की सुविधा और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जानी चाहिएं। संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक लंबित प्रकरणों का समाधान नहीं किया जाता, तब तक नए विस्तार क्षेत्र में खनन कार्य का विरोधजारी रहेगा।

