रायपुर -: छत्तीसगढ़ 6 अक्टूबर 2025 भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी की सिरप या सर्दी-जुकाम की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही यह भी अनुशंसा की गई है कि पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए भी ऐसी दवाओं का उपयोग सामान्यतः न किया जाए।
यह निर्णय बच्चों को दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों से बचाने और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत एक्शन लिया
एडवाइजरी जारी होने के तुरंत बाद छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) और सिविल सर्जनों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को भारत सरकार की नई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं के आयुक्त द्वारा आयोजित उच्चस्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस में जिलास्तरीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि खांसी या सर्दी की दवाओं का उपयोग केवल पंजीकृत चिकित्सक के परामर्श से ही किया जाए।विशेषज्ञों की राय ज्यादातर मामलों में दवा की जरूरत नहीं।चिकित्सक विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में खांसी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारियाँ प्राकृतिक रूप से ठीक हो जाती हैं, इसलिए दवाओं का उपयोग हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग अब आम जनता को भी इस विषय में जागरूक करने के अभियान चलाएगा, ताकि स्व चिकित्सा (Self Medication) से बचा जा सके।
कड़ी निगरानी में औषधि आपूर्ति प्रणाली
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (CGMSC) के अनुसार, जिन कंपनियों के खिलाफ अन्य राज्यों में कार्रवाई हुई है, उनकी राज्य में किसी भी सरकारी आपूर्ति में भागीदारी नहीं है।
ये कंपनियाँ सीजीएमएससी डेटाबेस में पंजीकृत नहीं हैं, जिससे राज्य में औषधि आपूर्ति की पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
औषधि निरीक्षण अभियान तेज
भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव द्वारा 5 अक्टूबर को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद, छत्तीसगढ़ खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (FDA) ने राज्यभर में जोखिम-आधारित निरीक्षण (Risk-Based Inspection) शुरू कर दिए हैं।
औषधि निरीक्षकों के विशेष दल बनाए गए हैं जो औषध निर्माण इकाइयों और निजी फार्मेसियों का आकस्मिक निरीक्षण कर रहे हैं।
अभिभावकों से अपील
स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के अपने बच्चों को कोई भी दवा न दें।यह कदम बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।
“बहुत अच्छी जानकारी दी गई है, धन्यवाद 🙏”
Bahut hi jabardast Sundar
Aise bacchon ki davaiyon ko Ban karna chahie Jo Anya companiyon ke madhyam se Bina formulae naate aur kuchh bhi prakar ki adar companiyan jo ki atyadhik upyogi nahin hai inko Ban karna chahie taki Garib Parivar ke bacche aur gaon ke माता-पिता bujurg log jo padhe likhe nahin Hai kuchh bhi sasti davaiyan Apne bacchon Ko Na pilae dhanyvad