बलौदा बाजार। जिला अंतर्गत वन रेंज सोनाखान रेंजर सुनीत साहू को क्लीन चिट दिए जाने के बाद वन कर्मचारी संघ का आक्रोश गहराता जा रहा है। कल सार्वजनिक हुई जांच रिपोर्ट में चश्मदीद गवाहों के बयानों को अपर्याप्त मानकर क्लीन चिट देने के फैसले के खिलाफ संघ के सदस्य लगातार नौवें दिन भी अनिश्चितकालीन धरने पर डटे रहे।
कर्मचारियों का कहना है कि रिपोर्ट में गवाहों की गवाही को नकारना और ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग की अनुपलब्धता को आधार बनाना न्याय की भावना के विपरीत है। संघ ने इसे अस्वीकार करते हुए उच्च स्तरीय एवं न्यायिक जांच की मांग की है।
कर्मचारियों का पक्ष
धरना स्थल पर आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि किसी घटना के घटित होने के समय हर बार वीडियो या ऑडियो साक्ष्य उपलब्ध होना संभव नहीं होता। ऐसे में प्रत्यक्षदर्शी गवाहों के बयान भी समान रूप से प्रमाणिक होते हैं और उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। संघ ने चेतावनी दी कि यदि मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो आंदोलन प्रांतव्यापी होगा।
संघ की मांगें
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वर्तमान जांच रिपोर्ट को अस्वीकार कर डीआइआर/डीजीपी स्तर की उच्च स्तरीय जांच हो।
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स्वतंत्र न्यायिक या सीबीआई जांच कराई जाए।
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चश्मदीद गवाहों के बयानों को कानूनी मान्यता दी जाए।
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जांच प्रक्रिया में त्रुटि पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
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आंदोलनरत कर्मचारियों की सुरक्षा व स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए।
नेताओं के बयान
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महेश चेलक, उपाध्यक्ष (वन कर्मचारी संघ): “ऐसी तानाशाही रवैये को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। न्याय की लड़ाई हर स्तर पर जारी रहेगी।”
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प्रांत अध्यक्ष (वन कर्मचारी संघ): “हम जांच रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करते। दोषियों पर कार्रवाई के लिए उच्च स्तरीय व न्यायिक जांच जरूरी है, अन्यथा आंदोलन प्रदेशभर में फैलाया जाएगा।”
आगे की रूपरेखा
संघ ने रायपुर के मुख्य वन संरक्षक को आगामी आंदोलन की औपचारिक सूचना भेज दी है। प्रांतीय नेतृत्व ने संकेत दिया है कि यदि मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो आंदोलन को पूरे प्रदेश में फैलाकर व्यापक रूप दिया जाएगा
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