विश्व बाल दिवस पर जांजगीर-चांपा जिले की कक्षा 11वीं की छात्रा दीक्षा सारथी बनीं प्रतीकात्मक कलेक्टर

युवा पीढ़ी को दिया तीन महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश — डिजिटल फास्टिंग, प्लास्टिक मुक्त जिला और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को जन-आंदोलन बनाने का आह्वान

 

जांजगीर-चांपा, 21 नवंबर।

विश्व बाल दिवस के अवसर पर जांजगीर-चांपा जिले में बाल अधिकारों को बढ़ावा देने और बच्चों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा एक विशेष पहल के तहत कक्षा 11वीं की छात्रा कु. दीक्षा सारथी को प्रतीकात्मक कलेक्टर नियुक्त किया गया।

दीक्षा ने एक दिन के लिए जिला कलेक्टर की भूमिका निभाई और जिलेवासियों, छात्र-छात्राओं तथा युवा पीढ़ी को तीन महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश जारी किए।

 

 

 

1. ‘डिजिटल फास्टिंग’ की अपील – महीने में एक दिन मोबाइल से दूरी

 

दीक्षा सारथी ने युवाओं में बढ़ते मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि—

 

> “महीने में एक दिन हम सभी मोबाइल और गैजेट्स से दूर रहें, किताबों, लाइब्रेरी और खेलकूद से जुड़ें।”

 

 

 

उन्होंने इसे डिजिटल फास्टिंग का नाम दिया और कहा कि इससे मानसिक तनाव कम होगा, एकाग्रता बढ़ेगी और वास्तविक जीवन के कौशल विकसित होंगे।

 

 

 

2. प्लास्टिक मुक्त जिला बनाने का आह्वान

 

प्रतीकात्मक कलेक्टर दीक्षा सारथी ने जिलेवासियों से अपील की कि वे सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद करें।

उन्होंने कहा—

 

> “प्लास्टिक प्रदूषण आज सबसे बड़ी चुनौती है। यह सिर्फ पर्यावरण नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य पर भी बड़ा खतरा है।”

 

 

 

उन्होंने दुकानदारों, बाजारों, स्कूलों और संस्थानों से प्लास्टिक मुक्त होने का संकल्प लेने को कहा।

 

 

 

3. ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को जन-आंदोलन बनाने की अपील

 

दीक्षा सारथी ने जिले के हर परिवार से कम से कम एक पेड़ माँ के नाम लगाने और उसकी देखरेख की जिम्मेदारी निभाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि पेड़ लगाना पर्याप्त नहीं है, उसकी नियमित देखभाल भी उतनी ही आवश्यक है।

District Bureau Chief BALODA BAZAR

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