सड़क हादसे में खोया जवान पुलिस सैलरी पैकेज ने दिया परिवार को ₹1 करोड़ का संबल

बिलासपुर-:  छत्तीसगढ़: कर्तव्य पथ पर एक सड़क दुर्घटना में असमय शहीद हुए आरक्षक रामनारायण सिंह के परिवार को पुलिस विभाग के पुलिस सैलरी पैकेज (PSP) के तहत बड़ी वित्तीय सहायता मिली है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) बिलासपुर, रजनेश सिंह (IPS) ने स्वयं स्वर्गीय आरक्षक के नॉमिनी को एक करोड़ रुपये (₹1,00,00,000) का चेक सौंपा। यह राशि विशेष रूप से PSP के अंतर्गत दुर्घटना मृत्यु दावा (Accidental Death Claim) के रूप में प्रदान की गई है।

दुखद घटना और विभाग की त्वरित कार्रवाई

यह दुखद घटना तब हुई जब आरक्षक रामनारायण सिंह एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए, जिससे उनका असामयिक निधन हो गया। जवान के खोने का गम पूरे पुलिस विभाग में है, लेकिन विभाग ने इस संकट की घड़ी में उनके परिवार को अकेला नहीं छोड़ा।

एसएसपी रजनेश सिंह ने विभाग की तरफ से शोक व्यक्त करते हुए तुरंत PSP के तहत देय बीमा राशि के त्वरित वितरण के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की। विभाग की इस तत्परता ने यह सुनिश्चित किया कि परिवार को अपने सबसे बड़े आर्थिक आधार के खोने के बाद जल्द से जल्द वित्तीय सुरक्षा मिल सके।

‘पुलिस सैलरी पैकेज’ – जवानों और उनके परिवार के लिए सुरक्षा कवच

SSP रजनेश सिंह (IPS) ने इस अवसर पर स्पष्ट संदेश दिया कि पुलिस विभाग न केवल अपराध नियंत्रण के लिए सख्त है, बल्कि वह अपने प्रत्येक जवान और उनके परिवार के साथ हर सुख-दुख में खड़ा भी है।

PSP एक व्यापक योजना है जो पुलिसकर्मियों को विभिन्न वित्तीय और बीमा लाभ प्रदान करती है। इसमें दुर्घटना मृत्यु पर एक बड़ी बीमा राशि का प्रावधान शामिल है, जो लाखों रुपये तक हो सकता है, और आरक्षक रामनारायण सिंह के मामले में यह राशि ₹1 करोड़ थी। यह पैकेज पुलिसकर्मियों को उनकी ड्यूटी के दौरान या सामान्य जीवन में किसी भी दुर्घटना की स्थिति में एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा कवच प्रदान करता है।

PSP के प्रमुख लाभों का महत्व:

बड़ी बीमा राशि: दुर्घटना मृत्यु के मामलों में एक करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता परिवार के तत्काल और भविष्य के खर्चों जैसे बच्चों की शिक्षा, ऋण अदायगी आदि के लिए एक बड़ा सहारा बनती है।

त्वरित निपटान: विभाग की तत्परता से दावे का त्वरित निपटान यह दर्शाता है कि यह सिर्फ एक कागजी योजना नहीं, बल्कि एक प्रभावी और कार्यान्वित सुरक्षा जाल है।

मनोबल में वृद्धि: इस तरह की त्वरित और ठोस सहायता पुलिसकर्मियों के मनोबल को बढ़ाती है, उन्हें यह विश्वास दिलाती है कि विभाग और सरकार उनके और उनके परिवार के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

एक संदेश: प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता

बिलासपुर पुलिस द्वारा आरक्षक के परिवार को यह सहायता देना यह साबित करता है कि पुलिस बल न केवल कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए, बल्कि अपने कर्मियों के कल्याण और संबल के लिए भी दृढ़ संकल्पित है। एसएसपी रजनेश सिंह ने कहा, “हमारा जवान चाहे ड्यूटी पर हो या अपने निजी जीवन में, वह हमारे परिवार का सदस्य है। इस दुख की घड़ी में हम उनके परिवार के साथ हैं, और यह वित्तीय सहायता एक छोटी कोशिश है उन्हें संबल प्रदान करने की।”

विभाग के इस संवेदनशील कदम की चारों ओर सराहना हो रही है, जो ‘खाकी’ की सख्त छवि के साथ-साथ उसकी मानवीय और संवेदनशील पक्ष को भी उजागर करता है।

सह संपादक

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2 thoughts on “सड़क हादसे में खोया जवान पुलिस सैलरी पैकेज ने दिया परिवार को ₹1 करोड़ का संबल”

  1. Rajneesh sar ji IPS ka bahut hi mahatvpurn yogdan hai jo sadak hadse mein Jawan police ki maut ko lekar ya bahut hi Sundar vishay Hai ek karod Rupam mauja Dene ka samlamb kiya hai jo ki unke pidit parivaron ke liye bahut hi yogdan ka kam hai to बहुत-बहुत badhai

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