सड़क पर गड्ढे, गड्ढों में पानी और पानी में डूबते विकास के सपने – संडी–जारा मोहरा से खरोरा मार्ग की हालत पर प्रशासन की खामोशी ने बढ़ाया गुस्सा

जिला ब्यूरो चीफ/ तोषन प्रसाद चौबे

बलौदा बाज़ार ज़िले का संडी–जारा मोहरा से खरोरा मुख्य मार्ग आज अपनी बदहाली की सबसे बड़ी गवाही दे रहा है। कभी यह मार्ग क्षेत्र के लोगों के लिए जीवनरेखा माना जाता था, लेकिन अब यह सड़क जगह-जगह से उखड़ चुकी है। गड्ढे इतने बड़े हो चुके हैं कि लोग कहने लगे हैं – “ये सड़क नहीं, कुंआ है।” बारिश के बाद पानी भर जाने से यह मार्ग जानलेवा साबित हो रहा है। दिन में किसी तरह लोग निकल लेते हैं, लेकिन रात का सफर अब मौत से खेलने जैसा बन गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क की मरम्मत कई बार दिखाई गई, लेकिन हर बार पेंच रिपेयर का काम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। कुछ दिनों बाद ही सड़क फिर से टूट-फूट का शिकार हो गई। प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही अब जनता के गुस्से की बड़ी वजह बन चुकी है।

आए दिन यहां हादसों की घटनाएँ हो रही हैं। मोटरसाइकिल सवार गड्ढों में गिरकर घायल हो रहे हैं, गाड़ियां फंसकर क्षतिग्रस्त हो रही हैं। स्कूली बच्चे और मरीज़ जब इस मार्ग से गुजरते हैं तो उनके परिजनों की सांसें अटक जाती हैं। लोग खुले शब्दों में कह रहे हैं – “यह सड़क नहीं, मौत का कुंआ है।”

जनता का यह भी आरोप है कि विधायक और जिम्मेदार अधिकारी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सरकार मंच से विकास की बातें तो करती है, लेकिन इस मार्ग ने विकास की असलियत खोलकर रख दी है। लोग तंज कस रहे हैं – “विकास कहीं नहीं दिखता, सड़क तो गड्ढों में समा चुकी है।”

यह सड़क सिर्फ़ संडी, जारा मोहरा और खरोरा ही नहीं, बल्कि आसपास के कई गांवों के लिए जीवनरेखा है। किसानों, मज़दूरों, छात्रों और मरीज़ों तक को इस खराब सड़क का खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है।

अब देखने वाली बात यह है कि शासन-प्रशासन इस खबर को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या जल्द ही इस मार्ग पर स्थायी निर्माण का काम शुरू होता है, या फिर जनता को इसी जर्जर और खतरनाक सड़क पर हादसों के डर के बीच सफर करना पड़ेगा।

जनता का साफ संदेश है – भाषण और वादों से पेट नहीं भरता, हमें चाहिए सुरक्षित और पक्की सड़क।

सह संपादक

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