खैरा गांव: नशेड़ी लोगों के लिए अब ‘खैर नहीं’

जिला ब्यूरो चीफ/ तोषन प्रसाद चौबे

ग्राम पंचायत खैरा ने नशे के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए एक नई मिसाल पेश की है। गांव की सैकड़ों महिलाएं सरपंच श्रीमती तारिणी दुर्गेश गेंड्रे के नेतृत्व में और जनपद सदस्य वीरेंद्र महेश्वरी की विशेष उपस्थिति में एकत्र हुईं और शराबबंदी, नशा एवं जुए के खिलाफ शपथ ली। इस दौरान पूरे गांव में महिलाओं ने रैली निकालकर जोरदार नारेबाजी की और साफ कर दिया कि अब खैरा गांव में नशे और शराब की कोई जगह नहीं है।

गांववासियों ने निर्णय लिया कि किसी भी प्रकार की अवैध शराब बिक्री, खुलेआम शराब सेवन, चौक-चौराहों पर जुआ खेलना और डिस्पोजल में पानी बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। जिन लोगों का पहले से नशे या शराब कारोबार से जुड़ाव रहा है, उन्हें भी स्पष्ट चेतावनी दे दी गई है कि अगर अब किसी प्रकार की शिकायत मिली तो सीधे कानून के हवाले कर दिया जाएगा।

महिलाओं ने कहा कि शराब और नशे की वजह से गांव का माहौल बिगड़ रहा था, परिवार टूट रहे थे और युवा गलत राह पर जा रहे थे। लेकिन अब गांव की तस्वीर बदलेगी। सरपंच गेंड्रे ने कहा कि नशामुक्त खैरा बनाना ही उनका लक्ष्य है और इसे पूरा करने के लिए हर महिला और पुरुष को मिलकर आगे बढ़ना होगा।

जनपद सदस्य वीरेंद्र महेश्वरी ने इस पहल को क्षेत्र के लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि खैरा गांव ने जो कदम उठाया है, वह आने वाले समय में पूरे इलाके के लिए आदर्श उदाहरण बनेगा। ग्रामीणों का मानना है कि अब गांव में निगरानी कड़ी रहेगी और किसी भी नशेड़ी या अवैध गतिविधि में लिप्त व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

खैरा गांव की यह ऐतिहासिक पहल यह संदेश देती है कि जब समाज की ताकत एकजुट होती है तो नशे जैसी बुराई को भी जड़ से खत्म किया जा सकता है। अब खैरा गांव का संकल्प है कि नशेड़ी लोगों के लिए यहां खैर नहीं।

सह संपादक

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