रायपुर -: राजधानी रायपुर के देवपुरी इलाके में संचालित एक फर्जी चैन मार्केटिंग कंपनी के चंगुल से छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने रायपुर पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ी कार्रवाई में 80 से अधिक छत्तीसगढ़ी युवाओं को मुक्त कराया है। ये सभी युवा रोजगार के झांसे में आकर बंधक बनाए गए थे और अब इन्हें सकुशल उनके परिवारों के पास भेज दिया गया है।
चार स्थानों पर चल रहा था ठगी का धंधा
मिली जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के ठगों ने राजधानी में देवपुरी, मोवा, भाठागांव, और डूमरतराई समेत चार स्थानों पर फर्जी कंपनियां खोल रखी थीं। ये ठग 20 से 22 साल के स्थानीय छत्तीसगढ़िया युवाओं को रोजगार देने के बहाने गुमराह कर रहे थे और उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था।
क्रान्ति सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब देवपुरी और टाड़ा गांव की कुछ लड़कियों ने छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना से संपर्क कर सारी जानकारी दी। संगठन ने तत्काल रायपुर के सीनियर पुलिस अधीक्षक लाल उम्मेद सिंह को मामले की जानकारी दी। इसके बाद, संगठन ने क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर रेड की कार्रवाई को अंजाम दिया और युवाओं को मुक्त कराया।
लाखों की ठगी और मानव तस्करी का अंदेशा
कार्रवाई के दौरान कंपनी के 8 ट्रेनर कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि ग्वालियर का मुख्य डायरेक्टर तोमर फरार बताया जा रहा है। जांच में पता चला है कि इस कंपनी ने 80 से अधिक बच्चों को ‘बिजनेस’ के नाम पर झांसा देकर उनसे ₹50 हजार से ₹1 लाख तक की राशि ट्रांसफर करवाई थी। युवाओं को यह पैसा परिवार की जगह दोस्तों, रिश्तेदारों, या बॉयफ्रेंड से व्यवस्था करने को कहा जाता था।
ठगी का यह जाल यहीं नहीं रुका, युवाओं को अपने मोबाइल स्टेटस पर पिज्जा, बर्गर जैसे महंगे खाने की तस्वीरें लगाने को कहा जाता था। इसका मकसद यह था कि उनके घर वालों को लगे कि वे अच्छी जगह रह रहे हैं और अच्छा खाना खा रहे हैं।
खुलासे में यह भी सामने आया है कि इन युवाओं को दीपावली त्योहार पर घर नहीं जाने दिया जा रहा था और उन्हें विदेश में ‘बिजनेस टूर’ के बहाने नाइजीरिया, कांगो जैसे देशों में ले जाने की पूरी तैयारी थी। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने इस पूरे मामले में मानव तस्करी के गंभीर अंदेशे जताए हैं और प्रशासन से सख्ती से जांच कार्यवाही करने की मांग की है।
पुलिस अब फरार मुख्य आरोपी की तलाश कर रही है और ठगी की गई राशि की वसूली के लिए भी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
प्रशासन द्वारा, ऐसे बदमाशों को कड़ी से कड़ी सजा देवें
ताकि गलती दोबारा न हो