सह -संपादक / तोषन प्रसाद चौबे
बलौदाबाजार जिले के बहुचर्चित सूदखोरी मामले में पुलिस ने आखिरकार पिंकी सिन्हा और उनके पति हेमलाल सिन्हा पर धारा 420, 506 और 34 के तहत अपराध दर्ज किया है। प्रार्थी हेमंत कन्नौजे की शिकायत पर यह एफआईआर हुई, लेकिन अब तक गिरफ्तारी न होने से लोगों में असंतोष और चर्चा का माहौल है।
लंबे समय से चल रहे इस सूदखोरी नेटवर्क का धागा रायपुर तक जुड़ने की बात सामने आई है। बैंक और फोन पे स्टेटमेंट से कई नामों के उजागर होने की संभावना है। आरोप है कि जरूरतमंदों को कर्ज के नाम पर ब्लैंक चेक और स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करवाकर फंसाया जाता था। समय पर ब्याज न मिलने पर मनमाने ढंग से ब्याज दर बढ़ाकर वसूली की जाती थी और विरोध करने पर चेक व स्टांप का दुरुपयोग कर धमकाया जाता था।
यह मामला तब सामने आया जब पीड़ित हेमंत कन्नौजे ने प्रेस क्लब में अपनी आपबीती सुनाई। अध्यक्ष नरेश गनशानी और पत्रकारों ने इसे जनहित का विषय मानते हुए प्रशासन तक पहुंचाया और ज्ञापन भी सौंपा। खुलासे के बाद आरोपियों ने पहले समाचार दबाने और पत्रकारों पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। इस दौरान प्रार्थी को भी कभी लालच तो कभी धमकी देकर चुप कराने का प्रयास किया गया।
प्रेस क्लब ने साफ कहा है कि पत्रकारिता केवल कलम तक सीमित नहीं है, जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरकर भी जनता की आवाज शासन-प्रशासन तक पहुंचाई जाएगी। इस रुख से आम लोगों में भरोसा जगा है।
लगातार दबाव के बाद पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज की, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार जांच में और भी नाम सामने आ सकते हैं। फिलहाल विवेचना जारी है और जल्द कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने कहा है कि वे छुट्टी से लौटे हैं और आगे जानकारी लेकर इस मामले में अपडेट देंगे।
इन लोगो के लिए ठोस कार्रवाई ज़रूरी है ✊”