कोट गांव में खदान विवाद से पुलिस पर हमले का आरोप, SP कर रहे जांच

जिला ब्यूरो चीफ/तोषन प्रसाद चौबे

बलौदाबाजार ज़िले के कोट गांव में खनन गतिविधियों को लेकर उपजा विवाद अब पुलिस तक जा पहुँचा है। बीते 10 सितंबर को नेशनल हाईवे 130 बी पर हुए चक्का जाम आंदोलन के दौरान ग्रामीणों ने कसडोल एसडीओपी कौशल किशोर वासनिक और एक पुलिस जवान पर मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है। आंदोलन खत्म होने के बाद ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार को सौंपी है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

ग्रामीणों का कहना है कि आशु क्रेशर और पत्थर खदान से निकलने वाली धूल, शोर और प्रदूषण ने उनकी जिंदगी प्रभावित कर दी है। वर्षों से बंद की मांग करने के बावजूद जब समाधान नहीं निकला तो उन्होंने 10 सितंबर को हाईवे पर चक्का जाम किया। पूरे दिन यातायात ठप रहा और हालात तनावपूर्ण बने रहे। अंततः जिला कलेक्टर के निर्देश पर खनिज विभाग ने विवादित खदान और क्रेशर को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने आंदोलन समाप्त किया।

लेकिन इस घटनाक्रम के बाद पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए। ग्रामीणों का आरोप है कि आंदोलन के दौरान एसडीओपी और एक पुलिसकर्मी ने उनके साथ मारपीट की। ग्रामीणों का कहना है कि आंदोलन शांतिपूर्ण था, मगर पुलिस ने उनके साथ गैरज़रूरी सख्ती बरती। यह आरोप न केवल अनुचित कार्रवाई का संकेत है बल्कि प्रशासन और जनता के बीच विश्वास को भी गहरी चोट पहुँचा सकता है।

ग्रामीणों की लिखित शिकायत पर अब पूरा मामला जांच के अधीन है। पुलिस अधीक्षक को यह तय करना होगा कि आरोपों में कितनी सच्चाई है और आगे की कार्रवाई किस दिशा में होगी।

कोट गांव का यह विवाद अब केवल खनन और पर्यावरण का मुद्दा नहीं रहा। यह सीधे-सीधे पुलिस की कार्यप्रणाली और प्रशासन की साख से जुड़ गया है। एक ओर ग्रामीण न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खाकी पर उठे सवाल पुलिस की गरिमा और अनुशासन पर सीधी चोट हैं।

यह प्रकरण इस समय पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। सबकी नजरें अब पुलिस अधीक्षक पर टिकी हैं कि वे इस संवेदनशील मामले में क्या कदम उठाते हैं।

सह संपादक

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1 thought on “कोट गांव में खदान विवाद से पुलिस पर हमले का आरोप, SP कर रहे जांच”

  1. Yah Sahi baat hai Kanoon Suraksha ke liye hote Hain samjhane ke liye hoti hain abhadra vyavhar karne ke liye nahin Kanoon ko jab shasan aadesh deti hai dande chalane ke liye tabhi chala paate Hain shasan ke anupati ke Bina Kanoon kisi ko lathicharge nahin kar sakte Kanoon ko Apne niyam nirdesh ke anusar chalna chahie

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