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क्या यह अस्पताल है या चिड़ियाघर?

यह घटना किसी चिड़ियाघर की नहीं है, बल्कि बाड़मेर के एक अस्पताल—विशेष रूप से ICU और इमरजेंसी वार्ड—की है। सोशल मीडिया पर इस वायरल पोस्ट और वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि आवारा कुत्ते अस्पताल के अंदर तक घुस गए हैं, जहाँ मरीज ठीक हो रहे हैं या उपचार देख रहे हैं। पोस्ट का शीर्षक ही है “बाड़मेर: ICU वार्ड तक कुत्तों की एंट्री…! ये अस्पताल है या चिड़ियाघर?” जबकि यह वास्तविकता है कि यह एक अस्पताल ही है, जहाँ जानलेवा स्थिति बन रही है।

2. जिम्मेदार कौन — आवारा कुत्ते या फिर अस्पताल प्रशासन?

यह स्थिति कई कारकों का परिणाम प्रतीत होती है:

आवारा कुत्ते उत्पात: अस्पताल के अंदर तक कुत्तों का प्रवेश एक स्पष्ट सुरक्षा विफलता दिखाता है। यह संकेत करता है कि आसपास के इलाके में आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रण से बाहर हो सकती है और उन्हें अस्पताल परिसर में आने से रोकने के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं किए गए हैं।

 

प्रशासनिक लापरवाही: अस्पताल प्रशासन की ओर से सुरक्षा एवं सफाई के तंत्र की स्पष्ट कमी है। एसोसिएशन द्वारा यह स्थिति “चिड़ियाघर” जैसी बताई जा रही है, जो बताता है कि प्रशासन ने आवारा कुत्तों के खिलाफ उचित रोक-थाम उपाय नहीं अपनाए। बेहतर आधार और बेरियर न होने के चलते ये कुत्ते ICU तक पहुँच गए।

निष्कर्ष

मीमोरी: यह कोई चिड़ियाघर नहीं, बल्कि एक अस्पताल है जहाँ घुस आए आवारा कुत्ते मरीजों के बीच आ गए।

मुख्य जिम्मेदार: स्थिति को नियंत्रित करने में असमर्थ अस्पताल प्रशासन मुख्यतः जिम्मेदार है, जबकि आवारा कुत्तों की उपस्थिति स्वयं एक सुरक्षा चुनौती है।

सह संपादक

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