बलौदाबाज़ार-भाटापारा, 2 नवम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य अब पर्यटकों के लिए पुनः खुल गया है। वर्षा ऋतु के समाप्त होते ही अभ्यारण्य की वादियाँ नई हरियाली और प्राकृतिक आकर्षण से खिल उठी हैं। रायपुर से लगभग दो घंटे की दूरी पर स्थित यह अभ्यारण्य राज्य का एक प्रमुख ईको-टूरिज्म डेस्टिनेशन बन चुका है।
🌿 वर्षा के बाद लौट आई हरियाली और जीवन
मानसून के दौरान पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगाए जाने के बाद, अब जंगलों में नई हरियाली, झरनों की कलकल ध्वनि और वन्यजीवों की चहचहाहट से वातावरण जीवंत हो उठा है। वन विभाग के अनुसार इस सत्र में बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की संभावना है।
🐆 “लेपर्ड सफारी जोन” बना नया रोमांचक आकर्षण
इस वर्ष अभ्यारण्य में पर्यटकों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया “लेपर्ड सफारी जोन” नया आकर्षण बना है, जहाँ तेंदुए को उसके प्राकृतिक परिवेश में देखने का अवसर मिलेगा।
अभ्यारण्य में तीन मुख्य प्रवेश द्वार — पकरीद, बरबसपुर और रवान से सफारी की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
सफारी के दौरान पर्यटक तेंदुआ, भालू, गौर, कृष्णमृग, सांभर सहित अनेक स्तनधारी प्रजातियों और 200 से अधिक पक्षी प्रजातियों को देख सकते हैं। यह क्षेत्र अपनी समृद्ध पारिस्थितिक विविधता और शांत प्राकृतिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।
🌺 प्रकृति और शांति का संगम
बारनवापारा न केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए, बल्कि प्रकृति और शांति के चाहने वालों के लिए भी आदर्श स्थल है। यहाँ की सघन हरियाली, वन मार्गों की शीतलता और पक्षियों की मधुर चहचहाहट मन को सुकून देती है।
पर्यटकों के लिए अभ्यारण्य परिसर में इको-टूरिज्म रिसॉर्ट्स, विश्राम गृह एवं ठहरने की उत्कृष्ट व्यवस्थाएँ की गई हैं, जहाँ वे प्रकृति की गोद में सुकून के पल बिता सकते हैं।
🌳 अधिकारियों की अपील
इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी बलौदाबाज़ार श्री धम्मशील गणवीर ने कहा —
“बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य केवल पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि यह प्रकृति से जुड़ने और संरक्षण की भावना को जागृत करने का माध्यम है। हम सभी प्रकृति प्रेमियों का स्वागत करते हैं कि वे इस सत्र में बारनवापारा आएं और इसकी अद्भुत जैव-विविधता का अनुभव करें।”
वन विभाग ने पर्यटकों से अनुरोध किया है कि वे अभ्यारण्य के सुरक्षा और संरक्षण नियमों का पालन करें, ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जा सके।
